धनतेरस में आरोग्य जनक धनवंतरि को होती है पूजा
कानपुर, 10 नवम्बर (हि.स.)। हिन्दुओं के सबसे बडे पर्व दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस का पर्व भी मनाया जाता है और इस दिन सबसे पहले आरोग्य जनक धन्वन्तरि की पूजा करने का विधान माना गया है। माना जाता है कि कार्तिक माह के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को ही समुद्र मंथन के दौरान धन्वन्तरि प्रकट हुयी थी। इसीलिए इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा पूरे विधि-विधान से करने से घर-परिवार में खुशहाली आती है और जीवन से सारे रोग दूर हो जाते हैं। धन-धान्य के साथ ही सेहत का वरदान भी मिल जाता है। धनतेरस पर पहले भगवान धन्वन्तरि की पूजा होती है और उसके बाद ही कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इसके पश्चात लोग यम देव की भी पूजा करने के लिए मिट्टी के दीया जलाते है और भगवान धन्वन्तरि से धनधान्य के लिए प्रार्थना करते हैं। धन्वन्तरि की पूजा के पश्चात भगवान गणेश तथा माता लक्ष्मी की पंचोपचार पूजा करना अनिवार्य माना गया है। साथ ही ये भी माना गया है कि धन्वन्तरि की पूजा से मां लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त होता है। इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिए के सफेद मिष्ठान का प्रयोग करने से भक्तों को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। हिन्दुस्थान समाचार/महमूद/मोहित-hindusthansamachar.in