दीनदयाल शोध संस्थान की अखिल भरतीय प्रबन्ध समिति की बैठक वर्चुअली सम्पन्न
दीनदयाल शोध संस्थान की अखिल भरतीय प्रबन्ध समिति की बैठक वर्चुअली सम्पन्न

दीनदयाल शोध संस्थान की अखिल भरतीय प्रबन्ध समिति की बैठक वर्चुअली सम्पन्न

- कोरोना काल के सेवाकार्यों का हुआ प्रतिवेदन; देश भर से पदाधिकारियों की रही भागीदारी चित्रकूट, 07 दिसम्बर (हि. स.)। व्यक्ति, परिवार, (कुटुम्ब) समाज मिलकर एक विशाल इकाई बनती है, "बसुधैव कुटुम्बकम"। दीनदयाल शोध संस्थान बसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ही देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी अपने प्रकल्पों के माध्यम से सतत् प्रयत्नशील है। भारत भारत रत्न से अलंकृत राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित वसुधैव कुटुम्बकम की विशाल भावना को लेकर कार्य प्रस्तुत करने वाले दीनदयाल शोध संस्थान के "प्रबन्ध समिति" की वार्षिक बैठक का आयोजन कोरोना को ध्यान में रखते हुए वर्चुअली रुप में जूम एप्प के माध्यम से आयोजित किया गया। इस वार्षिक बैठक में देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों गोण्डा, बीड, नागपुर, चित्रकूट, दिल्ली आदि क्षेत्रों एवं विदेशों में यू0के0 आदि में संस्थान के विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से समाज, राष्ट्र में अपनी सेवायें दे रहे कार्यकर्ताओं द्वारा वर्ष भर के कार्यो की आख्या प्रस्तुत की गई। सोमवार को आयोजित इस बैठक में प्रबन्ध मण्डल के सदस्यों द्वारा सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं को समाज में और अच्छा अनुकरणीय कार्य करने की दिशा में मार्गदर्शन करने के साथ-साथ उस अनुकूल योजना बनाने के लिए सुझाव भी दिए गए। हर वर्ष यह बैठक देश के अलग-अलग स्थानों में जहॉ संस्थान के प्रकल्प चल रहे हैं वहॉ होती है। इस बार कोरोना के चलते यह बैठक वर्चुअली रखी गयी। उपरोक्त बैठक में 26 फरवरी से लेकर अभी तक के दीनदयाल शोध संस्थान की सभी गतिविधियों का प्रकल्प सह प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश के गोंडा प्रकल्प का प्रतिवेदन सचिव रामकृृष्ण तिवारी एवं महाराष्ट्र के बीड़ प्रकल्प का प्रतिवेदन प्रबंध समिति के सदस्य उपेंद्र कुलकर्णी तथा नागपुर प्रकल्प का प्रस्तुतिकरण प्रबंध मंडल के सदस्य जगदीश सुकलीकर द्वारा किया गया। दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबन्धक अमिताभ वशिष्ठ ने दिल्ली प्रकल्प की गतिविधियों को रखा। चित्रकूट प्रकल्प का प्रस्तुतीकरण वरिष्ठ कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने अपने विचार रखते हुये कहा कि संस्थान के ऐंसे कार्यकर्ता जिनका मानदेय कम होते हुए भी उन्होंने स्व प्रेरणा से कोरोना काल में सहयोग के लिए खुद ऑफर किया, यह सब बहुत ही प्रेरणादायी है। श्री महाजन ने प्रबंध समिति के माध्यम से जिन लोगों की लाखों में आमदनी हैं ऐसे सहयोगी कार्यकर्ता जो हर तरह से संपन्न है उन लोगों से संस्थान के सहयोग के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाने की अपील भी की। दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि महामारी के इस आपदा काल में कार्यकर्ताओ ने ऐसे कठिन समय में धरती पर पांव जमाकर कार्य चलाया है, यह बहुत ही प्रशंसनीय है। हम सब लोग पूरी तरह स्वस्थ हैं और सभी काम करने की स्थिति में है, ऐसी परिस्थितियों में कार्य करते रहना प्रेरणादायक है। अब ऐसा लगता है हम लोग सारी आपदाएं पार कर चुके हैं और अगले तीन महीनों में हम फिर से सारी गतिविधियों को पटरी पर लाकर फिर से उठ खड़े होंगे। नानाजी ने भी जिन-जिन कार्यों को खड़ा किया, जो भी कार्य नानाजी की कल्पना में रहे हैं उन कार्यों को आज विभिन्न संस्थाओं ने स्वीकार किया है। दिन भर चली इस बैठक के अंत में अपना आर्शीवचन देते हुये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं डीआरआई के पालक अधिकारी मदन दास देवी ने सभी कार्यकर्ताओं को उत्कृष्ट कार्य करते रहने के लिए अपनी शुभकामनायें दीं। इस अखिल भारतीय वर्चुअल बैठक की होस्टिंग डीआरआई के प्रबन्ध मंडल के सदस्य बसंत पंडित द्वारा की गई। बैठक के अंत में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने देश भर से उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं एवं प्रबंध समिति पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। हिन्दुस्थान समाचार/रतन-hindusthansamachar.in

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