तथ्यों को सत्य की कसौटी पर परखना ही श्रेष्ठ पत्रकारिता है : निमिष
तथ्यों को सत्य की कसौटी पर परखना ही श्रेष्ठ पत्रकारिता है : निमिष

तथ्यों को सत्य की कसौटी पर परखना ही श्रेष्ठ पत्रकारिता है : निमिष

- ‘फेक न्यूज की पहचान’ विषयक वर्चुअल कार्यशाला - गोजए, हेरिटेज फांउडेशन और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रसार संस्थान का संयुक्त आयोजन गोरखपुर, 24 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रसार संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक निमिष कपूर ने शनिवार को कहा कि किसी भी तथ्य के साथ न्याय करने के लिए उसको सत्य की कसौटी पर रखना पड़ता है। यही अपनाकर पत्रकारिता के साथ भी न्याय किया जा सकता है। तथ्यहीन सूचना के अतिरेक एवं टीआरपी की अंधी दौड़ की वजह से पत्रकारों एवं संस्थानों की लोकप्रियता में तेजी से गिरावट आई है। हेरिटेज फाउंडेशन, गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रसार संस्थान द्वारा आयोजित एक दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला में ‘फेक न्यूज की पहचान’ विषय पर संबोधित करते हुए निमिष ने कहा कि कार्यशाला में काफी संख्या में पत्रकारिता के छात्र, पत्रकार एवं सोसल मीडिया पर सक्रिय युवा जुड़े हैं। इन्हें सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं की जांच के लिए फैक्ट चेक करने चाहिए। कार्यशाला में अतिथि वक्ता के रूप में वरिष्ठ वैज्ञानिक निमिष कपूर ने जुड़े लोगों को इसकी बारीकियां बताईं। उन्होंने ऑनलाइन फैक्ट चेक टूल्स पर प्रशिक्षण दिया। बताया कि भ्रामक खबरों, फोटो, वीडियो और स्त्रोत की जांच के लिए उपयोगी टूल्स जैसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च, इनविद सॉफ्टवेयर, वॉच फ्रेम बी फ्रेम कैसे काम करते हैं। इनकी मदद से कैसे फोटो और वीडियो की सत्यता की जांच की जा सकती है। डेमो देकर उन्होंने आनलाइन जुड़े प्रशिक्षणार्थियों को आश्वस्त किया। कार्यशाला में अतिथि के रूप में गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय विभागाध्यक्ष डॉ अनिल राय और हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी नरेंद्र कुमार मिश्र भी शामिल रहे। अतिथि प्रोफेसर डॉ अनिल राय ने ऐसी कार्यशाला को वर्तमान की जरूरत बताया। कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में सही गलत सूचना की पहचान करना बेहद जरूरी है। सूचनाओं के अतिरेक के इस दौर में इन तकनीकी बातों को ज्ञान सिर्फ मीडिया कर्मी ही नहीं बल्कि हर उस वक्ति को होना चाहिए जो सोशल मीडिया पर सक्रिय है। रत्नाकर सिंह ने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ आजकल सोशल मीडिया खबरों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बन गया है, लेकिन फेक न्यूज के चलन ने लोगों को भ्रमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि तथ्यों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन पत्रकारिता के लिए आवश्यक है। हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी नरेंद्र कुमार मिश्र ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। इस वर्चुअल कार्यशाला में अरुण कुमार सिंह, अभिषेक त्रिपाठी, कार्तिक मिश्र, मनोज यादव, मृत्युंजय उपाध्याय, मृत्युंजय श्रीवास्तव, शैलेंद्र शैल, दुर्गेश बजाज, शीलवर्धन सिंह, अमितेष श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, राजीव गोयल, अनिल गोयल आदि शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद-hindusthansamachar.in

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