कुशीनगर-सारनाथ के पर्यटन विकास को 167 करोड़ मंजूर
कुशीनगर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व बैंक की प्रो पुअर टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत कुशीनगर में आठ पर्यटन विकास योजनाओं को मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को मंजूरी दी है। हिरण्यवती नदी विकास, बौद्ध विपश्यना केंद्र उच्चीकरण, बुद्ध गमन मार्ग, बौद्ध संग्रहालय उच्चीकरण समेत पाथ वे, स्ट्रीट लाइट, लैंडस्केपिंग समेत कुल आठ परियोजनाओं को मंजूरी देने पर लोगों से खुशी जताई है। बौद्ध परिपथ को वैश्विक मानकों के अनुरुप विकसित करते की योजना पर विश्व बैंक साल 2014 से कार्य कर रहा था। विश्व बैंक की कई टीमों ने अनेक बार दौरा कर पर्यटन विकास की योजनाएं बनाई। अब जाकर योजनाएं मूर्त रूप ले सकी हैं। शुक्रवार को मंत्रिपरिषद ने विश्व बैंक द्वारा तैयार की गई सारनाथ की 18 और कुशीनगर में 08 पर्यटन विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी। 167 करोड़ की लागत से दोनों नगरों में कार्य कराए जायेंगे। लागत का 70 फीसद विश्व बैंक द्वारा और 30 फीसदी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। सारनाथ के कार्य वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा और कुशीनगर के कार्य गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कराए जाएंगे। योजना को मंजूरी मिलने पर कुशीनगर के सांसद विजय दुबे ने कहा कि ऐतिहासिक कार्य हुआ है। अब कुशीनगर को विश्व फलक पर छाने में देर नहीं है। विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों ने अब मूर्त रूप लिया है। बुद्ध स्थली के विकास के लिए प्रदेश व केंद्र की सरकार ने जो कहा कर दिखाया है। पूर्ण बोहरा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुशीनगर योजना को लेकर लम्बे समय से कवायद चल रही थी। दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए मेगा बजट व समय लगना स्वाभाविक है। आने वाले दो तीन सालों के भीतर शहर विकास का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप लिए हुए होगा। हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/संजय-hindusthansamachar.in