उप्र में लुप्त हो रहे संस्कार गीतों की होगी ब्रांडिंग, सूची तैयार करने के निर्देश
उप्र में लुप्त हो रहे संस्कार गीतों की होगी ब्रांडिंग, सूची तैयार करने के निर्देश

उप्र में लुप्त हो रहे संस्कार गीतों की होगी ब्रांडिंग, सूची तैयार करने के निर्देश

-संस्कृति मंत्री ने की विभिन्न अकादमी के कार्यों की समीक्षा -भारतेन्दु के जन्मदिवस पर हो आॅनलाइन गोष्ठी: डा0 नीलकंठ तिवारी लखनऊ, 04 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पर्यटन संस्कृति एवं धर्माथ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 नीलकंठ तिवारी ने शुक्रवार को उप्र संगीत नाटक अकादमी, भारतेन्दु नाट्य अकादमी तथा ललित कला अकादमी के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने उप्र के लुप्त हो रहे संस्कार गीतों को लोकप्रिय बनाने के लिए उनकी ब्रांडिंग एवं प्रतियोगिता कराये जाने पर बल दिया। संस्कृति मंत्री डा0 नीलकंठ तिवारी ने उप्र संगीत नाटक अकादमी के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में लुप्त हो रहे संस्कार गीतों की सूची बनायी जाये। सोहर, विवाह गीत, विदाई, गाली गीत, छठ, पिडिया, मुंडन, द्वार पूजा गीत तथा विभिन्न त्योहारों पर गाये जाने वाले संस्कार गीतों की क्षेत्रीय सूची तैयार करके उन्हें लोकप्रिय बनाने के लिए गायन प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाये। उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिताओं में स्थानीय गायकों को वरीयता दी जाये। डा0 तिवारी ने कहा कि संस्कार गीतों को लोकप्रिय बनाने के लिए शारदा सिन्हा, मालिनी अवस्थी तथा भरत सिन्हा जैसे प्रसिद्ध लोकगायकों और कलाकारों द्वारा ब्राडिंग एवं प्रचार-प्रसार कराया जाये। भारतेन्दु नाट्य अकादमी की समीक्षा करते हुए डा0 नीलकंठ तिवारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यशाला एवं नाटक आदि का प्रोगाम बनाया जायें। उन्होंने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चंद ने बहुत सारे क्षेत्रों में कार्य किया है। उससे सम्बन्धित कुछ नया करने का कार्यक्रम तैयार किया जाये। उन्होंने भारतेन्दु जी के जन्मदिन पर नौ सितम्बर को आनलाइन गोष्ठी के आयोजन का भी निर्देश दिया। संस्कृति एवं धमार्थ कार्य तथा पर्यटन मंत्री ने राज्य ललित कला अकादमी के कार्यों की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कला गीथिका बनाने के सम्बंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने पूरे प्रदेश में क्षेत्रीय कलाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जनउपयोगी बनाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। कलाकारों के मानदेय बढ़ाने सम्बन्धी प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश दिये। डा0 तिवारी ने कहा कि बदलते हुए परिवेश को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार किया जाये। विभाग की महत्ता को जनता एवं समाज के बीच में कैसे पहचान दिलायी जाये, इस पर अधिक से अधिक ध्यान देने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनता के बीच में विभाग को उपयोगी बनाने की दिशा में कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाये। मंत्री ने अकादमी की नयी नियमावली के अनुसार खाली पदों को भरने एवं साल भर में किये गये कार्यों की पुस्तिका छपवाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये । बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार, वाईपी सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

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