इस अनोखी रणनीति से वर्ष 2022 का चुनाव फतह करने में जुटी समाजवादी पार्टी
इस अनोखी रणनीति से वर्ष 2022 का चुनाव फतह करने में जुटी समाजवादी पार्टी

इस अनोखी रणनीति से वर्ष 2022 का चुनाव फतह करने में जुटी समाजवादी पार्टी

आजमगढ़ में निजी कार्यक्रम के बहाने, हाईटेक आफिस और आवास के लिए भूमि की तलाश आजमगढ़, 21 दिसम्बर (हि.स.)। एक सप्ताह पूर्व अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कई निजी कार्यक्रमों में शिरकत करने आये थे। इस दौरान उन्होंने केन्द्र और प्रदेश सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने दावा किया कि था कि वे वर्ष 2022 के विधानसभा में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयेंगे लेकिन रणनीति का खुलासा नहीं करेंगे। क्योंकि अगर रणनीति का खुलासा हो गया तो भाजपा साजिश कर देगी। इसी साजिश की तहकीकात के दौरान अखिलेश यादव की रणनीति का खुलासा हो गया। दरअसल अखिलेश यादव वर्ष 2022 में आजमगढ़ में पूरे पूर्वांचल को साधने की रणनीति में जुटे हैं। बतातें चलें कि समाजवादी पार्टी के लिए प्रदेश का पूर्वांचल और खासकर आजमगढ़ चुनाव के लिहाज से काफी मुफिद रहा है। इसलिए आजमगढ़ को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपनी सभाओं में सैफई को ‘अपना दिल‘ तो आजमगढ़ को ‘अपनी धड़कन‘ बताते थे। वर्ष 2012 में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ से चुनावी शंखनाद किया था। जिसका परिणाम रहा कि दस सीटों में 9 सीटे मिली थी। वर्ष 2017 में जब भाजपा की लहर चल रही थी उस समय भी इस जिले में दस में 5 सीटों पर सपा ने कब्जा जमा लिया जबकि 4 बसपा तो वहीं महज एक सीट पर भाजपा को संतोष करना पड़ा था। वर्ष 2017 में प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बाद अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के आजमगढ़ को खास केन्द्र बिन्दु बनाना चाह रहे हैं। दरअसल पश्चिम में समाजवादी पार्टी के खिसक रहे जनधार और पूर्वांचल के अभेद किले को बचाने के लिए वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव के लिए एक खास रणनीति पर काम कर रही है। इसी के तहत ही सांसद अखिलेश यादव 13 दिसम्बर की रात को आजमगढ़ पहुंचे थे। जहां उन्होंने रात में दिवंगत पूर्व मंत्री वसीम अहमद के घर पहुंचकर उनके परिजनों को मुलाकात की तो वहीं 14 दिसम्बर को विभिन्न निजी कार्यक्रमों में शिरकत किया। इसी दिन ही उन्होंने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला था। वर्ष 2022 की रणनीति के खुलासे पर उन्होंने कहा था कि अगर रणनीति का खुलासा कर देगें तो भाजपा साजिश कर देगी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व सांसद अखिलेश यादव निजी कार्यक्रम के बहाने आजमगढ़ नगर से सटे अनवरगंज के समीप (एनएच-233) एक बड़ी भूमि का बैनामा कराने के लिए 14 दिसम्बर को जिले में जमे हुए थे। लेकिन किन्हीं कारणों से भूमि का बैनामा नहीं हो सका। बताया यह जा रहा है कि अखिलेश आजमगढ़ में जो भूमि ले रहे हैं वह करीब सवा एकड़ है। सूत्रों के मुताबिक इस भूमि पर समाजवादी पार्टी वर्ष 2022 से पहले हाईटेक आफिस, बड़े नेताओं और करीब 500-1000 कार्यकर्ताओं के रहने और सासंद अखिलेश यादव का आवास भी बनना प्रस्तावित है। यह भूमि शहर से जहां सटी हुई है, वही एयरपोर्ट से महज सात किलोमीटर दूर है। अखिलेश यादव वर्ष 2022 के चुनाव में आजमगढ़ से पूरे पूर्वांचल को साधने की रणनीति पर अभी से जुट हुए हैं। समाजवादी पार्टी के निर्वतमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव का कहना है कि अखिलेश यादव यहां के सांसद हैं। वे कोरोना के चलते यहां नहीं आ रहे थे। दूसरा कारण यह भी था कि यहां आने-जाने में उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अभी भूमि नहीं ली गयी है। उन्होंने काह कि आजमगढ़ से ही पूर्वांचल के कई जिले प्रभावित होते हैं, इसलिए यहां अगर एक बड़ा कार्यालय खुल जाय तो पूर्वांचल के कार्यकर्ताओं को मिलने-जुलने में आसानी हो जाय। इसलिए जमीन लिये जाने की बातचीत चल रही है। आवास बनाने की बात नहीं है। वही वे यह भी कहते हैं बड़ा कार्यालय होने से ठहरने और सबसे मिलने की भी सुविधा हो जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/दीपक-hindusthansamachar.in

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