आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में तीन साल में 20 हजार करोड़ का निवेश, तीन लाख रोजगार सृजितः  डॉ. दिनेश शर्मा
आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में तीन साल में 20 हजार करोड़ का निवेश, तीन लाख रोजगार सृजितः डॉ. दिनेश शर्मा

आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में तीन साल में 20 हजार करोड़ का निवेश, तीन लाख रोजगार सृजितः डॉ. दिनेश शर्मा

-पांच वर्षों में 40 हजार करोड़ के निवेश, चार लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य लखनऊ, 12 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश सरकार ने उप्र इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग नीति-2017 के सफल क्रियान्वयन से वर्ष 2022 तक 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश और कम से कम तीन लाख लोगों के लिए रोजगार के सृजन का लक्ष्य रखा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह लक्ष्य पांच वर्षों के बजाय मात्र तीन वर्षों में हासिल कर लिया गया। अब इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग नीति-2020 के तहत अगले पांच वर्षों में 40 हजार करोड़ के निवेश और चार लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। ये बातें उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। चीन, ताइवान, कोरिया की प्रतिष्ठित कम्पनियों ने उप्र में किया रुख उन्होंने कहा कि इस दौरान चीन, ताइवान, कोरिया की प्रतिष्ठित कम्पनियां उत्तर प्रदेश में इकाई स्थापित करने के लिए आकृष्ट हुईं। एक ओवरसीज प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा ग्रेटर नोएडा के 100 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) विकसित किया जा रहा है, जिसमें उत्पादन इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इस नीति के फलस्वरूप नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र भारत के इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं। यमुना एक्सप्रेसवे में जेवर एयरपोर्ट के समीप एक इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग नीति 2017 की सफलता के बाद उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग नीति 2020 बनाई। नई नीति के तहत निवेश और रोजगार का लक्ष्य हासिल करने के लिए तीन इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना के अनुरूप यमुना एक्सप्रेसवे में जेवर एयरपोर्ट के समीप एक इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना, बुन्देलखण्ड में डिफेंस इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा लखनऊ-उन्नाव-कानपुर जोन में मेडिकल इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। मेरठ, आगरा, गोरखपुर और वाराणसी में आईटी पार्क प्रारंभ होने की सम्भावना उपमुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि समय के साथ तमाम बदलाव आए हैं। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति 2017 हमने बनाई थी इसके अंतर्गत मेरठ, आगरा, गोरखपुर और वाराणसी में अगले वर्ष आईटी पार्कों में संचालन प्रारंभ हो जाने की सम्भावना है। वहीं हम कानपुर, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आजमगढ़ और झांसी में आईटी पार्क निर्माण की कार्यवाही को हम प्रारंभ कर रहे हैं। लखनऊ में देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेन्टर बनाए जाने की बनाए जाने की योजना उन्होंने कहा कि आज लखनऊ में 40 एकड़ भूमि क्षेत्र में पीपीपी मॉडल पर अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी कॉम्पलेक्स के अन्तर्गत एक आईटी पार्क और चार एकड़ भूमि पर एसटीपीआई द्वारा देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेन्टर बनाए जाने की बनाए जाने की योजना है। यह लखनऊ के लिए विशेष उपलब्धि के रूप में हमारे सामने आया है। इसके अतिरिक्त कानपुर, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आजमगढ़ तथा झांसी में भी आईटी पार्कों के विकास हेतु कार्यवाही की जा रही है। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की पहल के फलस्वरूप प्रदेश में आईआईएम लखनऊ, आईआईटी कानपुर, आईआईटी बीएचयू, अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, केआईईटी गाजियाबाद जैसे प्रदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में 18 इन्क्यूबेटर्स उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनुमोदन के उपरान्त प्रारम्भ हो गये हैं। प्रदेश में 3300 से अधिक स्टार्ट-अप इकाइयां क्रियाशील वर्तमान में प्रदेश में 3300 से अधिक स्टार्ट-अप इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं। इन्क्यूबेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा स्टार्ट-अप इकाइयों के वित-पोषण के लिए सिडबी के साथ 1,000 करोड़ के स्टार्ट-अप फण्ड तथा ‘यूपी एन्जेल नेटवर्क’ की स्थापना की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के सफल प्रयासों परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश को स्टेट स्टार्ट-अप रैंकिंग 2019 के अन्तर्गत ‘इमर्जिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम’ की श्रेणी में रखा गया है। 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना के अनुकूल ईको सिस्टम का सृजन की स्थापना का लक्ष्य उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप नीति 2020 के अन्तर्गत प्रदेश में गैर-आईटी क्षेत्रों कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन इत्यादि क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। नीति के अन्तर्गत प्रदेश में 100 इन्क्यूबेटर्स तथा राज्य के प्रत्येक जनपद में न्यूनतम एक इन्क्यूबेटर तथा राज्य में कम से कम 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना के अनुकूल ईको सिस्टम का सृजन की स्थापना का लक्ष्य है। नीति के कार्यान्वयन से प्रदेश में लगभग 50,000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं 1,00,000 व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की सम्भावना है। इस नीति के अन्तर्गत गठित नीति कार्यान्वयन इकाई द्वारा राजकीय इन्जीनियरिंग कालेज, बांदा, वाराणसी, नोएडा, लखनऊ, मथुरा तथा गाजियाबाद में इन्क्यूबेटर स्थापित किए जाने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गई है। राज्य में 3 स्टेट-ऑफ-आर्ट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने का लक्ष्य उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत राज्य में 3 स्टेट-ऑफ-आर्ट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने का लक्ष्य है, जिसमें से प्रथम उत्कृष्टता केन्द्र मेडिकल इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्सेज में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इण्डिया, भारत सरकार के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। प्रस्तावित उप्र डाटा सेन्टर नीति उपमुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में डाटा सेन्टर पार्क्स तथा डाटा सेन्टर इकाइयों को प्रोत्साहन देकर उनकी स्थापना कराये जाने से वृहद स्तर का निवेश सम्भावित है। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा एक डाटा सेन्टर नीति बनाये जाने का निर्णय किया गया है। प्रस्तावित नीति के अन्तर्गत राज्य में 250 मेगावॉट डाटा सेन्टर उद्योग विकसित किया जाना, राज्य में 20,000 करोड़ का निवेश आकृष्ट किया जाना तथा कम से कम तीन अत्याधुनिक निजी डाटा सेन्टर पार्क्स स्थापित कराये जाने का लक्ष्य है। नीति के अन्तर्गत डाटा सेन्टर पार्क्स और डाटा सेन्टर इकाइयों को पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, भूमि के क्रय-पट्टे पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट तथा ऊर्जा से सम्बन्धित वित्तीय प्रोत्साहनों के अतिरिक्त विभिन्न गैर वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रस्तावित हैं। बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल क्षेत्रों हेतु अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रस्तावित किए गए हैं। उप्र स्टेट डाटा सेन्टर राज्य मुख्यालय लखनऊ में आईएसओ 27001 एवं आई.एस.ओ. 20000 प्रमाणित, टियर-2 डाटा सेन्टर की स्थापना पर की गई है, जिसमें वर्तमान में 155 विभागीय पोर्टल्स अथवा एप्लीकेशन्स होस्टेड हैं। यह डाटा सेन्टर प्रदेश के समस्त विभागों के लिए सम्बन्धित डाटा और एप्लीकेशन्स की होस्टिंग और संरक्षित करने की सुविधा प्रदान करता है। उ.प्र. स्टेट डाटा सेन्टर 99.98 प्रतिशत अपटाइम के साथ संचालित है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/दीपक-hindusthansamachar.in

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