आईआईएचआर का ‘बीज पोर्टल’ व स्टेट बैंक का ‘योनो कृषि एप’ का एकीकरण, करोड़ों किसानों को होगा फायदा
आईआईएचआर का ‘बीज पोर्टल’ व स्टेट बैंक का ‘योनो कृषि एप’ का एकीकरण, करोड़ों किसानों को होगा फायदा

आईआईएचआर का ‘बीज पोर्टल’ व स्टेट बैंक का ‘योनो कृषि एप’ का एकीकरण, करोड़ों किसानों को होगा फायदा

-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ के निदेशक ने कहा, यूपी के भी लाखों किसानों को मिलेगा फायदा किसानों का हक कोई मार न पाये, इसके लिए सरकार का डिजीटल इंडिया पर जोर: नरेन्द्र सिंह तोमर लखनऊ, 26 अगस्त (हि.स.)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) के ‘बीज पोर्टल’ का भारतीय स्टेट बैंक के ‘योनो कृषि एप’ के साथ एकीकरण व उपभोक्ताओं को लोकार्पण बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे। दोनों एप के एकीकरण से देश के करोड़ों किसान, बीज खरीदी सहित सरकारी योजनाओं तथा बैंक की सुविधाओं के विविध लाभ डिजीटली ले सकेंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ के निदेशक भी उपस्थित रहे और इसे किसानों के लिए बहुत बेहतरीन बताया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कृषि का क्षेत्र चुनौतीपूर्ण रहा है, इसके बावजूद किसानों के अथक परिश्रम व वैज्ञानिकों के अनुसंधान तथा सरकारी की नीतियों के कारण यह क्षेत्र देश में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरी करने के साथ ही जीडीपी में योगदान देने की दृष्टि से भी कृषि क्षेत्र का महत्व है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सरकार का हमेशा प्रयत्न रहता है कि किसानों की आय दोगुनी हो व जीडीपी में कृषि क्षेत्र का अधिकतम योगदान हो। इस दृष्टि से भारत सरकार ने अनेक योजनाओं को संचालित किया है। बागवानी का कृषि क्षेत्र में 32 प्रतिशत योगदान हैं, जिसे बढ़ाने की जरूरत है। बागवानी में किसानों को उनके उत्पादों का वाजिब मूल्य मिलने की पूरी उम्मीद रहती है, कम रकबे में भी अच्छा उत्पादन कर किसान अपनी माली हालत सुधारने में सफल हो सकते है। प्रधानमंत्री भी उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही सरकारी मदद गांव-गांव और सभी किसानों तक पहुंचाने पर जोर देते है, किसानों का हक कोई नहीं मार पाएं, इसके लिए सरकार का डिजीटल इंडिया पर जोर रहा है। इसके पीछे मकसद यह है कि कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता आएं व भ्रष्टाचार के अवसर पूरी तरह बंद हों। तोमर ने कहा कि डिजिटलाइेशन की पारदर्शिता में तो भूमिका है ही, यह गुणवत्ता में भी मददगार है। बीज पोर्टल व योनो कृषि एप के एककीकरण का फायदा भी देशभर के किसानों को बड़ी मात्रा में मिलने वाला है। संस्थान द्वारा प्रमाणित बीज हर किसान तक पहुंचे, जिससे वे उत्पादकता बढ़ा सकें उत्पादन के साथ आमदनी बढ़ा सकें, यह उद्देश्य हैं। इस संबंध में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ के निदेशक डाक्टर शैलेन्द्र राजन ने बताया कि इससे यूपी के किसानों को भी काफी फायदा पहुंचेगा। सरकारी नीतियां और अनुसंधान लोगों तक आसानी से पहुंच सकेगा। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने दोनों एप के एकीकरण की इस पहल के लिए कृषि मंत्री तोमर को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वप्न के अनुरूप किसानों की आय दोगुनी की जाना है, हर तरह से डिजिटलाइजेशन करना है, इस दिशा में यह एक बड़ी पहल है। योनो कृषि एप हिंदी व अंग्रेजी के अलावा दस क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है, जिसमें कृषि मंडी व कृषि मित्रा सहित कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस संबंध में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ के निदेशक डाक्टर शैलेन्द्र राजन ने बताया कि इससे यूपी के किसानों को भी काफी फायदा पहुंचेगा। सरकारी नीतियां और अनुसंधान लोगों तक आसानी से पहुंच सकेगा। इस कार्यक्रम में आईसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा व उप महानिदेशक डा.आनंद कुमार सिंह तथा आईआईएचआर के निदेशक डा. एम.आर. दिनेश ने भी संबोधित किया। श्री विक्रमादित्य पांडे ने संचालन किया। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश-hindusthansamachar.in

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