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योगगुरु बाबा रामदेव भारतीय अस्मिता के प्रतीक - ब्रजभूषण ओझा

वाराणसी, 04 जून (हि.स.)। योगगुरु बाबा रामदेव द्वारा ज्योतिष शास्त्र पर दिए बयान को लेकर छिड़े विवाद में शुक्रवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसरों ने बाबा रामदेव का समर्थन कर विरोध करने वाले ज्योतिषविदों और बुद्धजीवी वर्ग के आरोपों को गलत और भ्रामक बताया। कहा कि योगगुरू भारतीय अस्मिता के प्रतीक के रूप में स्थापित एक राष्ट्र भक्त हैं। विश्वविद्यालय के व्याकरण विभागाध्यक्ष एवं काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री आचार्य ब्रजभूषण ओझा ने कहा कि वेदानुकूल शास्त्रानुमोदित जीवन जीने वाले एवं सनातन वैदिक परम्परा के संवाहक, राष्ट्र सन्त, योग ऋषि तथा महान देश भक्त योगगुरू रामदेव ने कभी शास्त्रों का विरोध नहीं किया। परिसर में आयोजित विचार गोष्ठी में प्रो. ओझा ने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव गुरुकुल के परम्परागत विद्यार्थी के रूप में स्नातक के साथ-साथ वेद वेदांग, आयुर्वेद तथा योग का सम्पूर्ण अध्ययन कर आज विश्व फलक पर भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म संस्कृति का ध्वजारोहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कुछ कथित विद्वानों ने उन पर विभिन्न तरह के आरोप लगाये कि बाबा रामदेव ज्योतिष के विरोधी हैं। ये आरोप सर्वथा गलत और भ्रामक है। बाबा रामदेव शस्त्रों के पोषक और ज्योतिष एवं परम्परागत ज्योतिषियों के समर्थक हैं। उनके प्रति सदैव सद्भाव रखते हैं। किन्तु ज्योतिष शास्त्र के नाम पर दुकान चलाने वाले, अन्धविश्वास करने वाले, आडम्बर एवं ढोंग रचने वालों का विरोध करते हैं। गोष्ठी में प्रो. अमित कुमार शुक्ल, डॉ ब्रह्मचारी, डॉ ज्ञानेन्द्र सापकोटा, डॉ राजा पाठक, डॉ सत्येंद्र यादव आदि ने भी बाबा रामदेव के समर्थन में विचार रखे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/विद्या कान्त

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