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साहित्यकारों की मान ली गई मांग, खुल गया संग्रहालय

- कर्मचारियों के न होने पर संग्राहलय में लग गया था ताला झांसी, 24 जून (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में राजकीय संग्रहालय पर सांस्कृतिक आयोजन कर राजकीय संग्रहालय को खोले जाने की मांग को लेकर फिर आवाज बुलंद की गई और विरोध में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। लेकिन गुरुवार को राजकीय संग्रहालय खुला देख कर सभी ने संतोष व्यक्त किया। प्रदीप जैन द्वारा जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता की गई और यह कहा गया कि संग्रहालय की सभी 16 वीथिकाओं को रोज खोले जाने की व्यवस्था की जाए। पुरातत्व अधिकारी एसके दुबे ने बताया की संग्रहलाय रोज खोला जायेगा और प्रयास किया जायेगा कि सभी 16 वीथिकाएं खोली जाए। उनको ये भी अवगत कराया गया कि बिजली और पानी की भी सुचारु रूप से व्यवस्था की जाए। वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने कहा कि झांसीवासी ये कभी सहन नहीं कर सकते कि झांसी की एक धरोहर राजकीय संग्रहालय को बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि जुलाई 81 से एक त्रैमासिक पत्रिका 'परम्परा' संग्रहालय प्रकाशित करता था वो भी बाद में बंद कर दी गई। इस पत्रिका को भी फिर से शुरू किया जाए। इस मौके पर मजहर अली, अनिल रिछारिया, रजनीश श्रीवास्तव, मुकेश सिंघल, बी एल भास्कर, उस्मान अश्क, अब्दुल वहाब, इरफान शैख, अभय स्वरूप श्रीवास्तव, अमित त्रिपाठी उपस्थित रहे। एक हफ्ते तक आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया राजकीय संग्रहालय में तैनात कर्मचारी सेवानिवृत्त होते चले गए और आज वह समय आ गया कि वहां एक भी कर्मचारी नहीं बचा। कर्मचारियों के अभाव में संग्राहलय को बंद कर ताला डाल दिया गया था। इससे झांसी वासियों को बहुत बड़ा झटका लगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन के नेतृत्व संग्राहलय खोले जाने को लेकर आंदोलन की तैयारी कर ली गई, बुधवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया। लेकिन प्रशासन द्वारा फिर से संग्रहालय शुरू कर देने पर आंदोलन को एक हफ्ते को स्थगित करने का निर्णय लिया गया और ये तय किया गया कि संग्रहालय बंद न हो इस बात का ध्यान रखा जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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