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महिलाओं को कृषि कार्य में योगदान के लिए उद्यानिकी फसलों को अपनाना चाहिए : डा. एके सिंह

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान अदलपुरा में किसान मेले का आयोजन मीरजापुर, 31 जनवरी (हि.स.)। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, अदलपुरा में फार्ड फाउण्डेशन एवं बायोटेक किसान परियोजना के सौजन्य से किसान मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप-महानिदेशक (कृषि प्रसार) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली डा. एके सिंह ने कहा कि महिलाओं को कृषि कार्य में और अधिक योगदान के लिये गेहूँ-धान की खेती में उद्यानिकी फसलों, जैविक खेती, मछली पालन एवं पशुपालन को अपनाना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार कृषि सुधारों से किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त होगी। उन्होंने किसानों को कृषि विविधिकरण, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन करने की बात बतायी। अधिक पोषण वाली सब्जियों एवं कम लागत वाली तकनीकियों एवं किसान उत्पादन संगठन की महत्ता को बताया। विशिष्ट अतिथि प्रो. आरएम सिंह ने बताया कि फार्ड फाउण्डेशन ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को कई प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों जैसे, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन एवं वर्मी कम्पोस्टिंग का आयोजन किया है। डा. सिंह ने बताया कि किसानों एवं प्रशिक्षणार्थियों को गृह वाटिका के लिए सब्जी, गेहूँ, चना, मसूर, सब्जी मटर व धान के बीज का वितरण किया गया। इससे किसान बीज उत्पादन करने में सफल हो सकें एवं कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर सकें। अध्यक्ष फार्ड फाउण्डेशन डा. पंजाब सिंह ने कहा कि प्रगतिशील किसान उत्पादन संगठनों की स्थापना से किसान बड़े स्तर पर कृषि उत्पादन कर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। किसानी को गुणवत्तायुक्त बीजों का प्रयोग कर अधिक उपज प्राप्त करना चाहिए। फार्ड फाउण्डेशन के सहयोग से 300 किसानों को कृषि से सम्बंधित सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने का कार्य किया है जिससे मुख्य प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षक बनाये जा सकें। किसानों को सब्जी निर्यात की दिशा में बाजार से, एपिडा से एवं सरकार की नीतियों से जोड़कर अधिक लाभ दिलाने की दिशा मे कार्य किया जा रहा है। कुलपति आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, अयोध्या डा. बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों को उत्पादन के साथ-साथ बाजार में अधिक आय प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना होगा। कृषि का विविधिकरण कर सब्जियों की अगेती एवं गुणवत्तायुक्त बाजार की जरूरत के अनुरुप उत्पादन करना होगा जिससे किसान अधिक आमदनी प्राप्त कर सकें। कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निदेशक डा. रमेश चन्द्र ने किसानों को नये बीजों का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाने की बात बतायी। खेती मे नीतिगत एवं व्यापारिक परिवर्तन की बात कहते हुए कहा कि किसानों को विपणन एवं बाजार से जुड़ना होगा। फार्ड संस्थान किसानों को बाजार से जोड़ने का कार्य कर रहा है एवं किसानों को सब्जियों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के लिए प्रशिक्षण भी देने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर सोनभद्र, चन्दौली, वाराणसी एवं गाजीपुर के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 300 किसानों ने सहभागिता किया एवं 13 निजी एवं सरकारी संस्थानों ने प्रदर्शनी लगाई। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर-hindusthansamachar.in

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