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हाइड्रोजन मैन पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव के निधन से काशी के बुद्धजीवी गमगीन

-सोशल मीडिया के जरिये लोग दे रहे श्रद्धांजलि वाराणसी,26 अप्रैल (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) केे भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव के निधन से छात्रों के साथ बुद्धजीवी वर्ग भी मर्माहत है। सोमवार को भी लोग सोशल मीडिया के जरिये हाइड्रोजन मैन नाम से प्रसिद्ध रहे ओंकारनाथ श्रीवास्तव के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद कर श्रद्धांजलि देते रहे। सुपर फ्यूल स्टोरेज का अनुसंधान करने वाले प्रो. श्रीवास्तव के योगदान को अखिल भारतीय विद्वत परिषद् ने याद कर श्रद्धांजलि दी। परिषद् के महासचिव डॉ कामेश्वर उपाध्याय ने कहा कि हाइड्रोजन मैन पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव का निधन अत्यंत दुःखद है। अन्य यूजरों ने लिखा कि प्रो. श्रीवास्तव के द्वारा हाइड्रोजन ऊर्जा और नैनो साइंस के क्षेत्र में किये गए कार्य आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करेंगी। प्रदेश के राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी ने भी प्रो. श्रीवास्तव के निधन पर सोशल मीडिया के जरिये शोक जताया है। बीते 20 अप्रैल को जांच में प्रो0 श्रीवास्तव कोरोना पॉजिटिव मिले। हालत बिगड़ने पर उन्हें बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार को ही उन्हें आईसीयू में शिफ़्ट किया गया। जहां देर रात उन्होंने अन्तिम सांस ली। प्रो. श्रीवास्तव को पद्मश्री, शांति स्वरूप भटनागर, होमी जहांगीर भाभा सम्मान, प्रौद्योगिकी विभाग का नेशनल रिसर्च अवॉर्ड सहित राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। इन दिनों प्रो. श्रीवास्तव इसरो को सबसे ताकतवर सुपर फ्यूल स्टोरेज भेजने की तैयारी कर रहे थे। प्रोफेसर श्रीवास्तव ने नैनोटेक्नोलॉजी से मल्टीपरपज फिल्टर का निर्माण भी किया था। निधन से कुछ दिन पहले सरकार ने हाइड्रोजन मिशन से प्रोफेसर श्रीवास्तव को जोड़ा था। प्रो. श्रीवास्तव के 900 से अधिक शोध प्रकाशित हुए हैं। कई पुस्तकें भी लिखी। प्रोफेसर श्रीवास्तव बीएचयू में एमेरिटस प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर रहे थे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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