नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। आगामी 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनाव में महज अब तीन दिन का वक्त बचा है। चुनाव में जीत के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने अपनी अपनी कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने 8 जबकि समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवारों को मैदान पर उतार दिया है। आपको बता दे की इस चुनाव में सभी की नजर राजा भैया पर होगी। वह किंग मेकर की भूमिका निभा सकते हैं। यूपी विधानसभा में 403 सदस्यों वाली विधानसभा में विधायको की संख्या 403 है। संख्या बल के गणित को देखा जाए तो बीजेपी का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। यानी उसके सात उम्मीदवारों का जीतना तय है।
राजा भैया किंग मेकर की भूमिका निभा रहे
यूपी राज्यसभा चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के अलावा जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। वह है राजा भैया यानी रघुराज प्रताप सिंह, जो किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। दो पार्टियों वाली जनसत्ता दल के अलावा बहुजन समाज पार्टी भी किंग मेकर की भूमिका में खड़ी है। दोनों ही पार्टियों से समर्थन पाने के लिए सपा और बीजेपी जद्दोदजहद कर रही हैं। वहीं भाजपा ने आठवां उम्मीदवार मैदान पर उतारकर चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। सपा के लिए तीसरी सीट पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है।
साल 2018 में थी कुछ ऐसी ही परिस्थितियां
राजा भैया की पार्टी के दो विधायकों को अपने पाले में करने के लिए पहले सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने मुलाकात की। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मुलाकात की। दरअसल साल 2018 में कुछ ऐसी ही परिस्थितियों सामने आई थी। उस समय भाजपा की आठ और सपा की दो सीटों पर जीत मानी जा रही थी। पिछली बार की तरह बीजेपी ने दांव चलाते हुए फिर से अपना एक अतिरिक्त उम्मीदवार मैदान पर उतारा है। आपको बता दें कि 2018 में अखिलेश यादव ने समर्थन के लिए अन्य दलों के साथ मीटिंग की थी। तब राजा भैया ने अखिलेश यादव को आश्वासन दिया था कि वह उनके समर्थन में ही वोट करेंगे। लेकिन चुनाव वाले दिन राजा भैया ने पलटी मार दी और उन्होंने भाजपा को समर्थन दे दिया। जिससे भाजपा का एक प्रत्याशी जीत गया। इस बार भी राज्यसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों की नजरे राजा भैया पर टिकी हुई है।