बलिया में नक्सली गतिविधि बढ़ने का क्या है कारण? ताजा गिरफ्तारी ने खड़े कर दिए कई सवाल

जिले के सहतवार थाना क्षेत्र से पांच हार्डकोर नक्सलियों की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वजह, जिले में नक्सलियों की सक्रियता का काफी पुराना इतिहास है।
बलिया में नक्सली गतिविधि बढ़ने का क्या है  कारण?
बलिया में नक्सली गतिविधि बढ़ने का क्या है कारण?

बलिया, हि. स.। जिले के सहतवार थाना क्षेत्र से पांच हार्डकोर नक्सलियों की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वजह, जिले में नक्सलियों की सक्रियता का काफी पुराना इतिहास है।इधर, एसपी एस आनंद ने पांच नक्सलियों की गिरफ्तारी के सम्बंध में बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी। ताजा गिरफ्तारी जिनकी हुई है, वे विचारधारा के स्तर पर अपराध में शामिल थे।

यह है इतिहास

जिले में नक्सल इतिहास को देखें तो एक दशक पहले कई वारदात को अंजाम दिया गया था। सदर कोतवाली के सहरसपाली में वर्ष 2008 में गांव के सोहन सिंह की गोली मारकर हत्या हुई थी। पुलिस जांच में नक्सली गतिविधि की सुराग मिलने पर प्रशासन में हड़कंप मचा था। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। सघन चेकिंग अभियान चला, जिसमें कई घरों में हथियार व बम सहित अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद हुए थे। कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। आलम यह था कि पुलिसिया कार्रवाई में नक्सल गतिविधियों से जुड़े कई परिवार पलायन कर गए थे। इसके तीन वर्ष बाद 2012 में सहतवार थाना क्षेत्र के कुशहर गांव में पुलिस वर्दी में आए नक्सलियों ने कुशहर गांव की प्रधान फूलमती देवी की हत्या कर दी थी। इसमें भी छोटे कहार आरोपी था। प्रधान हत्याकांड में आरोपी पूर्व कोटेदार कृष्ण कुमार की दो वर्ष बाद अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन दोनों नक्सली हमले में शामिल छोटे 15 वर्ष बाद गिरफ्तार हुआ था। वह तेलंगाना में नाम बदलकर रह रहा था।

यह है मामला

उल्लेखनीय है कि यूपी एटीएस ने स्वतंत्रता दिवस से पूर्व सहतवार थाना क्षेत्र स्थित बसंतपुर गांव से पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। वे सभी एक झोपड़ी में अपने संगठन की गोपनीय बैठक कर रहे थे। उनके कब्जे से काफी मात्रा में नक्सल साहित्य, पर्चे, हस्तलिखित संदेश, लैपटॉप, मोबाइल फोन, नाइन एमएम पिस्टल सहित कई अन्य सामान बरामद हुए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिले में अब तक के सबसे हार्डकोर नक्सली बताए जा रहे हैं। इनमें गिरफ्तार महिला तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा जंगलों में नक्सल ट्रेंनिग ले चुकी है। इसके अलावा लल्लू राम उर्फ अरुण राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत तथा विनोद साहनी भी गिरफ्तार हैं। जिले में 15 वर्ष बाद नक्सली गतिविधि से प्रशासनिक महकमे में हलचल मची है। अधिकरियों की मानें तो पूर्व में हुई नक्सली घटनाओं में शामिल नक्सलियों से ये खूंखार माने जाते हैं। यह हमेशा अपने मिशन पर रहते हैं।

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