क्या होता है डिजिटल क्रॉप सर्वे, जानिए किसानों को कैसे मिलेगा इससे फायदा?

जिलाधिकारी ने डिजिटल क्राप सर्वे की समीक्षा के दौरान कहा कि क्रॉप सर्वे राजस्व कर्मियों का मूलतः कार्य है, कृषि विभाग द्वारा केवल सहयोग किया जा रहा है।
क्या होता है डिजिटल क्रॉप सर्वे
क्या होता है डिजिटल क्रॉप सर्वे

झांसी, हि.स.। प्रदेश में एग्री स्टेक योजना अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे में जनपद झांसी चौथे स्थान पर आया है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपद में एग्रीस्टेक परियोजना के अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए और कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए।

कृषि विभाग द्वारा केवल सहयोग किया जा रहा

जिलाधिकारी ने डिजिटल क्राप सर्वे की समीक्षा के दौरान कहा कि क्रॉप सर्वे राजस्व कर्मियों का मूलतः कार्य है, कृषि विभाग द्वारा केवल सहयोग किया जा रहा है। सर्वे में सभी राजस्व कर्मियों की सहभागिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लापरवाही और शिथिलता बरतने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर पंचायतीराज विभाग के कर्मियों का सहयोग लिया जा सकता है। जहां भी डिजिटल क्रॉप सर्वे हो रहा वहां मैनुअल खसरा भरने की जरूरत नहीं है।

118 राजस्व गांव में सर्वे का कार्य किया जा चुका है प्रारंभ

सर्वे कार्य की सही रिपोर्टिंग राजस्व कर्मियों के काम आसान और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ई-सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने ई-पड़ताल का नाम ई-खसरा (ई-पड़ताल) रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एग्री स्टेक योजना अंतर्गत जनपद में अब तक 118 राजस्व गांव में सर्वे का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है, 881922 प्लॉट के सापेक्ष 5080 प्लॉट का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया है। जनपद प्रदेश में चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सर्वे में अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहित किया जाए। अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों के अनुभवों को अन्य कर्मियों के साथ साझा किया जाये, ताकि अन्य कर्मी भी प्रेरित होकर कार्यों में तेजी लायें। उन्होंने कहा कि जनपद में पूरी क्षमता के साथ युद्ध स्तर पर सर्वे कार्य होना चाहिए। सभी सर्वेयर कार्य करेंगे तभी ई-सर्वे का कार्य 25 सितंबर तक पूर्ण होगा।

सटीक रिपोर्टिंग से जनपद के कृषि सेक्टर की भी बढ़ेगी जीडीपी

उन्होंने कहा कि ई-पड़ताल के तमाम फायदें है। प्राप्त आंकड़ों का उपयोग प्लानिंग टूल के रूप में किया जाएगा, इससे न केवल फसल के सटीक आंकड़ें प्राप्त होंगे और रियल टाइम होंगे, बल्कि किस फसल का उत्पादन कम है या अधिक होगा, इसकी जानकारी पहले से होने से कार्यवाही की जा सकेगी। सटीक रिपोर्टिंग से जनपद के कृषि सेक्टर की जीडीपी भी बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त सरकारी सुविधाएं आने वाली किसानों को बार-बार सत्यापन की समस्या से निजात मिलेगी और प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को अत्यधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं एग्रीस्टेक के माध्यम से की जा रहे डिजिटल क्राप सर्वे में प्रत्येक खेत का भौतिक सत्यापन कर संपूर्ण जानकारी के साथ खेत की फोटो उसी समय एप के माध्यम से अपलोड कर दी जाएगी। इसके साथ ही डिजिटल क्रॉप सर्वे में खेत में लगी फसल का नाम, प्रकार, श्रेणी, सिंचाई का विवरण, बुवाई की तारीख, क्रॉप की फोटो, भूखंड का जीआईएस कोऑर्डिनेट्स, क्रॉप सर्वे की तिथि और समय आदि जरुरी जानकारी एप पर दर्ज कर दी जाएंगी।

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