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जल बहुमूल्य है इसे व्यर्थ न जाने दें,एक-एक बूंद का करें उपयोग

- किसान अधिक उत्पादन के लिए टपक सिंचाई स्प्रिंकलर विधि का करें उपयोग झांसी, 05 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत एक दिवसीय पर ड्रॉप मोर क्रॉप( माइक्रो इरिगेशन योजना) पर कृषक प्रशिक्षण का आयोजन राजकीय उद्यान नारायण बाग झांसी में किया गया जिसका उद्घाटन उप निदेशक उद्यान झांसी मंडल झांसी विनय कुमार यादव द्वारा किया गया। नीरज सचान द्वारा एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण में उन्होंने ब बुंदेलखंड की परिस्थितियों में जल संरक्षण की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया और बताया कि क्षेत्र में सामान्यतः वर्षा 800-900 मि.मी. होती है। जिसका 30 से 35 प्रतिशत जल सिंचाई एवं हेतु उपयोग हो पाता है, शेष जल नदी नालों में बहकर चला जाता है। यदि इस जल को संरक्षित करते हुए टपक सिंचाई व स्प्रिंकलर विधि द्वारा प्रयोग करें तो सिंचाई की क्षमता को दोगुना बढ़ा सकते हैं। उप निदेशक उद्यान ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी एवं बताया कि यहां पर पर्याप्त संख्या में स्प्रिंकलर सैट एवं ड्रिप स्थापना का कार्य किया जा रहा है। डॉक्टर विमल राज वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र झांसी ने बताया कि बागों में ड्रिप सिंचाई लगाने से 60 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है। इसमें 80-90 प्रतिशत तक सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। इससे बागों में 40,000 एवं सब्जियों में 90,000 से 110,000 रुपए तक की लागत आती है। एक बार स्थापना के पश्चात 7-8 वर्ष तक ड्रिप सिंचाई कार्य करता है। इस मौके पर डॉ सुनील सेठ प्रधान वैज्ञानिक ग्रास लैंड द्वारा पानी की उपलब्धता होने पर सब्जियों की खेती करने की जानकारी दी गई। गर्मियों में लता वाली सब्जियों की खेती करने हेतु खेतों में बुवाई के पूर्व पॉलीथिन थैली में पौधे तैयार कर फरवरी माह में खेत रोपण कर टपक सिंचाई की स्थापना करके कम पानी में भी अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई की जा सकती है। डॉक्टर ए. के. सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि फल-सब्जियों के उत्पादन में मृदा प्रबंधन का विशेष महत्व है, इससे इसमें टपक सिंचाई द्वारा पोषक तत्वों का उपयोग सिंचाई के साथ-साथ कर सकते हैं। इससे उर्वरक की उपयोगिता 70 से 80ः रहती है, डॉक्टर मुकेश चैधरी वरिष्ठ वैज्ञानिक (ग्रास लैंड) ने ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति का महत्व प्रमुख घटक एवं उपयुक्त फसलों के चयन के बारे में बताया। इस मौके पर समस्त विकास खंडों से बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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