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भाजपा के खुद के घर में असंतोष और विरोध के स्वर उभरने लगे : अखिलेश

लखनऊ, 16 मार्च (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सच को छुपाने और झूठ फैलाने की चाहे जितनी कोशिशें कर ले उसमें तनिक भी सफलता मिलने वाली नहीं है। खुद उसके घर में ही अब असंतोष और विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश कार्य समिति के मंच से भाजपा नेता आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी जीत के दावे कर रहे थे तभी तमाम पदाधिकारी एवं नेता भाजपा राज में बढ़ रहे कुशासन के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करने में लगे थे। अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि समाजवादी पार्टी शुरू से ही कहती आई है कि भाजपा राज में अराजकता अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। शासन-प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण नहीं दिखाई देता है। मंत्रियों की भी शिकायत है कि अफसर उनकी नहीं सुनते हैं। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय के फोन, तमाम निर्देशों के बावजूद, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, कमिश्नर नहीं उठा रहे हैं, यह खबर तो सरकारी सूत्रों ने ही दी है। जब मुख्यमंत्री जी को कोई गम्भीरता से नहीं लेता हैं तो जनसामान्य की सुनवाई का तो सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि खुद भाजपा नेता ही यह कहने लगे हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। मरीजों को समय से उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। भाजपा के कार्यकर्ता ही अब अपनी सरकार के कामकाज से बुरी तरह असंतुष्ट हो रहे हैं। उनका कहना है कि तहसीले और थाने भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। लेखपालों की मनमानी चल रही है। पीड़ित और आरोपित दोनों से वसूली हो रही है। जब खुद भाजपा के लोग यह कहने लगे हैं तो मुख्यमंत्री जी का जीरो टालरेंस सिर्फ एक ढकोसला ही है। अखिलेश यादव ने कहा कि आश्चर्य की बात तो यह है कि जनता के बीच पनपते असंतोष और आक्रोश के बावजूद भाजपा नेता सुधर नहीं रहे हैं। वे अभी भी हवा महल में बैठकर अपनी कामयाबी के दिवास्वप्न में खोये हुए हैं। उनके मुंगेरी लाल के सपनों का टूटना निश्चित है। सन् 2022 के चुनावों में जनता उन्हें 'ठोक दो' का जवाब ठोक करके देगी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/दीपक

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