रिमझिम फुहारों के बीच भक्तिमय दिखा विंध्यधाम, गूंजा जयघोष

रिमझिम फुहारों के बीच भक्तिमय दिखा विंध्यधाम, गूंजा जयघोष
रिमझिम फुहारों के बीच भक्तिमय दिखा विंध्यधाम, गूंजा जयघोष

अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर पर भी उमड़े श्रद्धालु मीरजापुर, 30 जून (हि.स.)। विंध्यवासिनी मंदिर खुलने के दूसरे दिन पहला मंगलवार पड़ने पर दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भोर की मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। दूर-दराज से आए श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद जयघोष के साथ गर्भगृह की ओर बढ़े और मां विंध्यावासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की। साथ ही कोरोना महामारी के जल्द खात्मे की प्रार्थना की। वहीं विंध्य पर्वत पर विराजमान अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर पर भी हजारों दर्शनार्थियों की भीड़ देखी गई। विंध्यधाम की गलियों में सजी दुकानों से नारियल, चुनरी प्रसाद लेकर जयघोष के साथ कतारबद्ध होकर किसी ने झांकी तो किसी ने गर्भगृह पहुंचकर मां की आराधना की और परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। मंगलवारी करने वाले भक्त मां विंध्यवासिनी के दर्शन मात्र से अपने को धन्य महसूस किए। उनमें मंदिर खुलने की खुशी और दर्शन करने का उत्साह रहा। दर्शन करने आए श्रद्धालुओं में किसी ने मन्नत मांगी तो किसी ने भगवान को धन्यवाद किया। दर्शनार्थियों ने बताया कि पूर्णबंदी के चलते विंध्यवासिनी मंदिर पर दर्शन-पूजन पर विराम लग गया था, जो अब फिर से शुरू हो गया है। कहा कि कोई भी समस्या हो लेकिन आस्था और श्रद्धा पर आफत कभी भी भारी नहीं पड़ सकती। अब जब दर्शन के लिए मंदिर खुल गया है तो पहले की तरह वे आते रहेंगे। उमस भरी गर्मी के बावजूद नहीं रूके कदम सुबह उमस भरी गर्मी व धूप होने के बावजूद दर्शनार्थियों के कदम नहीं रूके। दोपहर होते-होते अचानक बादल छाए और रिमझिम फुहारों के बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई। मौसम का मिजाज बदलते ही उमस भरी गर्मी से राहत मिली तो मां विंध्यवासिनी की जयकारे से पूरा विंध्यधाम एक बार फिर गूंज उठा। कोई रिमझिम फुहारों के बीच मुंडन संस्कार कराया तो कोई बारिश का आनंद लेते देखा गया। विंध्यवासिनी मंदिर पर दूसरे दिन ध्वस्त दिखे नियम विंध्यवासिनी मंदिर खुलने पर सोमवार को सरकार की गाइडलाइन के अनुसार दर्शन-पूजन की व्यवस्था की गई। थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही शारीरिक दूरी व मास्क का भी प्रयोग करते देखा गया। लेकिन मंगलवार को सारे नियम ध्वस्त हो गए। मंदिर पर आने वाले श्रद्धालुओं का न तो थर्मल स्क्रीनिंग की गई और न ही शारीरिक दूरी व मास्क का प्रयोग करते देखा गया। जबकि प्रशासन व श्रीविंध्य पंडा समाज के बीच बैठक के दौरान तय हुआ था कि मंदिर पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। वहीं चरण स्पर्श व प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध होने के बावजूद तीर्थ पुरोहित प्रसाद चढ़ा रहे हैं। यहां तक कि सैनिटाइजेशन भी नहीं हो रहा है और न तो दर्शनार्थियों को साबुन से हाथ धुलाया जा रहा है। मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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