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विंध्यधाम : मंदिर बंद होने के बाद भी हाजिरी लगाने को बेताब दिखे श्रद्धालु

मीरजापुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। चैत्र नवरात्र के नवमी पर मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप का विधि-विधान से पूजन-अर्चना की गई। हालांकि कोरोना के चलते विंध्यवासिनी मंदिर बंद रहने से आम श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन नहीं कर सके। दूर से ही पताका का दर्शन कर श्रद्धलु वापस हो गए। कोरोना के चलते पिछली बार की तरह इस बार भी श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दीदार नहीं कर सके। नवमी तिथि पर मां विंध्यवासिनी का विशेष श्रृंगार किया गया था। गर्भगृह भी फूल-मालाओं से सजाए गए थे। कोरोना काल के बीच चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से ही श्रद्धालुओं का विंध्यधाम आना-जाना शुरू हो गया था। यह क्रम चार दिन तक चला। पांचवें दिन आस्था के बीच कोरोना वायरस की दीवार खड़ी हो गई। कोरोना के बढ़ते प्रसार को लेकर प्रशासन ने मां विंध्यवासिनी का लाइव दर्शन कराने की सुविधा का प्रबंध करना शुरू किया, लेकिन श्रीविंध्य पंडा समाज के विरोध के चलते यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी। इसी बीच बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर श्रीविंध्य पंडा समाज ने नवरात्र के पांचवें दिन विंध्यवासिनी मंदिर को नवमी तक बंद रखने का निर्णय लिया। मंदिर बंद होने के बाद भी श्रद्धालु विंध्यधाम हाजिरी लगाने को बेताब दिखे। हां पहले जैसे भीड़ भले ही नहीं थी, लेकिन नवरात्र भर ऐसा कोई दिन नहीं था जिस दिन श्रद्धालु विंध्यधाम न पहुंचे। नवमी पर भी श्रद्धालु विंध्यधाम पहुंचे और मंदिर बंद होने से पताका का ही दर्शन कर मन्नतें मांगी। प्रशासन की ओर से तैनात सुरक्षाकर्मी अब वापस निकल पड़े हैं। वहीं विभागों की ओर से की गई व्यवस्था को भी समेट लिया गया। नवरात्र के पूर्व विंध्यधाम आए पुरोहितों ने दुर्गा सप्तसती का शतचंडी पाठ व अनुष्ठान पूरा कर नवमी के दिन हवन में आहूति दी। कोई विंध्यवासिनी मंदिर तो कोई तीर्थ पुरोहितों के मकान, लाज व थाना कोतवाली गली के पास भैरव मंदिर पर हवन-पूजन किया। नवरात्र के समय विंध्यवासिनी मंदिर तो बंद था, लेकिन माता का श्रृंगार, पूजन व आरती यथावत होता रहा। विंध्य पर्वत पर छाया रहा सन्नाटा मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद श्रद्धालु विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली का पूजन-अर्चन कर त्रिकोण परिक्रमा करते हैं, लेकिन इस बार त्रिकोण पर सन्नाटा ही छाया रहा। नवरात्र के प्रथम दिन से ही त्रिकोण मार्ग गुलजार हो जाता है और श्रद्धालु जगह-जगह घरौंदा भी बनाते हैं, जो इस बार देखने को नहीं मिला। सादगी से मनाई गई रामनवमी विंध्यधाम समेत पूरे विंध्य क्षेत्र में कोरोना गाइडलाइन के बीच रामनवमी सादगी के साथ मनाई गई। मंदिरों में पुजारियों ने आरती की और लोगों ने घरों में रहकर ही पूजा अर्चना की। कोरोना के कारण भक्तों की आवाजाही बंद रही और पुजारियों ने ही आरती की। भक्तों ने घरों में ही पूजा-अर्चना की। चैत्र नवरात्र की शुरुआत घरों-मंदिरों में विधि-विधान से घट स्थापना के साथ हो गई थी। रामनवमी पर पूरा विंध्य क्षेत्र भगवामय हो जाता था, लेकिन कोरोना के चलते निकलने वाली शोभायात्रा व कई कार्यक्रम इस बार नहीं हाे सके। हर गली, हर चौराहे पर भगवा ध्वज लहराता था और जय श्रीराम का नारा गूंजता था। यही नहीं, पूरा रामभक्तों से पटा रहता था। बच्चा-बच्चा रामनवमी पर भगवामय दिखता था। कोरोना के चलते इस बार सब घरों तक सिमटकर रह गए। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर

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