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हवन से पर्यावरण शुद्धि कर कोरोना को मात देने का वैदिक समाधान : डॉ परमेश्वर अरोरा

- मुख्य वक्ता डॉ परमेश्वर अरोरा ने नाक और मुंह में सरसों तेल के तीन बार नित्य लेपन की सलाह दी - कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम ने वर्चुअल संगोष्ठी की अध्यक्षता की - कोविड-19 का आयुर्वेदिक समाधान विषय पर वर्चुअल व्याख्यान चित्रकूट,11 मई (हि.स.)। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में कोविड-19 का आयुर्वेदिक समाधान विषय पर मंगलवार को आयोजित संगोष्ठी में वर्चुअल व्याख्यान के दौरान मुख्य वक्ता डॉ परमेश्वर अरोरा वरिष्ठ परामर्श दाता, सर गंगाराम अस्पताल नई दिल्ली ने ट्रिपल मास्क पहनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नाक और मुंह में सशक्त पहरेदार खड़ा कर हम कोरोना संक्रमण से अपना बचाव कर सकते है। उन्होंने आंतरिक और वाह्य मास्क को लगाने की प्रक्रिया के व्यवहारिक ढंग को समझाते हुए बताया कि सरसो के तेल अथवा गाय के घी की दो-दो बूंद नाक और मुंह में डालकर अपनी दिनचर्या प्रारंभ करनी चाहिए। इसे दिन में तीन बार अपना कर वास्तविक मास्क की एक घरेलू लेयर मानना चाहिए। घर से बाहर निकलने पर एन-95 मास्क दूसरी लेयर के रूप में और उसके ऊपर सर्जिकल मास्क को तीसरी लेयर के रुप मे पहनना चाहिए। घर लौटकर सबसे पहले तीसरी लेयर के रूप में पहनी गई सर्जिकल मास्क को हटाकर डस्टविन में घर के बाहर डाल देना चाहिए। एन-95 मास्क को 48 घंटे के लिये टांग देना चाहिए। डॉ. अरोडा ने कोरोना संक्रमण काल में अपनाई जाने वाली दिनचर्या पर चर्चा करते हुए बताया कि नित्य दो बार पानी की भाप लेना चाहिए और दो बार एक गिलास गरम पानी में एक चुटकी हल्दी और एक चुटकी सेंधा नमक से गरारा करना चाहिए। दो काली मिर्च और दो लौंग दिन में तीन से चार बार चूसना चाहिए। कोरोना संक्रमण होंने पर शुरू में स्टीरॉयड का सेवन कतई नहीं करना चाहिए क्योंकि कोरोना संक्रमण से पहले से ही इम्यूनिटी कम होती है, स्टीरॉयड का सेवन करने से शरीर का इम्यूनिटी काफी कम होने से शरीर कमजोर हो जाता है। स्टीरॉयड का सेवन संक्रमण के दूसरे सप्ताह के बाद किया जा सकता है। खांसी आने पर सीतोपलादि चूर्ण और टेबलेट, श्वासकुठार रस का सेवन चिकित्सक की परामर्श के अनुसार करना चाहिए। मंगलवार को आयोजित इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम ने कहा कि शरीर में इम्युनिटी आयुर्वेद से ही बनती है। हमें आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अपनाना चाहिए।प्रो गौतम ने इस आयोजन की सराहना भी की। संगोष्ठी आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ आञ्जनेय पांडेय ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन डॉ राकेश कुमार श्रीवास्तव आयोजन सचिव व प्रभारी आयुर्वेद ने किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि प्रान्तों के चिकित्सा विद्द्वान और विभिन्न जागरूक चिकित्सा संस्थाओं के पदाधिकारी भी शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार / रतन

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