Gyanvapi Case: हाईकोर्ट से हरी झंडी के बाद ज्ञानवापी में ASI का सर्वे जारी, मुस्लिम पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

Gyanvapi ASI Survey: हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी में आज (4 अगस्त) से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(ASI) का सर्वे शुरू हो गया है। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है
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नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी में आज शुक्रवार (4 अगस्त, 2023) से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) का सर्वे शुरू हो गया। ASI की टीम ज्ञानवापी परिसर में पहुंच गई है। ASI की टीम में IIT कानपुर के तीन एक्सपर्ट भी हैं। दरअसल ASI टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर पर किया गया है। हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता और वकील भी सर्वे के दौरान परिसर में मौजूद हैं। हालांकि, मुस्लिम पक्ष इस सर्वे में शामिल नहीं हुआ है। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था सर्वे फैसला

आपको बता दें गुरुवार (3 अगस्त) को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए सर्वे शुरू करने का ऑर्डर दे दिया था। हलांकि कोर्ट ने कहा था कि ASI सर्वे से इमारत को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए। इससे पहले सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ASI से सुनवाई खत्म होने तक मस्जिद का सर्वे शुरू करने पर रोक लगई थी। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुन कर 27 जुलाई को अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। उधर, मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिस पर आज वहां सुनवाई होगी।

ASI दो शिफ्ट में सर्वे का काम कर सकती है

अदालत के आदेश पर अब ASI की टीम मस्जिद परिसर का सर्वे करेगी। हालांकि, ASI उस वजूखाने का सर्वे नहीं करेगी, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। सर्वे के चलते परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और 2 आईपीएस, 4 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा करीब 200 पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है। जुमे की नमाज की वजह से सर्वे आज दोपहर 12:00 बजे खत्म हो जाएगा। इसके बाद वाराणसी प्रशासन का कहना है कि ASI टीम चाहेगी तो शाम 3 बजे से 5 बजे तक फिर से सर्वे कर सकती है।

क्या है ज्ञानवापी का विवाद?

दरअसल, पांच महिलाओं ने अगस्त 2021 में वाराणसी के सिविल जज के सामने एक वाद दायर किया था। इसमें उन्होंने ज्ञानवापी के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी। ममहिलाओं की याचिका पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर पिछली साल तीन दिन तक सर्वे हुआ था। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है। सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 16 मई 2023 को चारों वादी महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष ने एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की ASI से जांच कराई जाए। इसी पर 21 जुलाई को जिला जज एके विश्वेश ने अपना फैसला सुनाते हुए ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था।

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