Varanasi News: प्रधानमंत्री मोदी ने मूर्धन्य साहित्यकार हरिराम द्विवेदी के निधन पर शोक जताया

Varanasi News: प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात गीतकार, कवि और मूर्धन्य साहित्यकार काशी निवासी पंडित हरिराम द्विवेदी 'हरि भैया' के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शोक जताया है।
Narendra Modi and Pandit Hariram Dwivedi
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वाराणसी, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात गीतकार, कवि और मूर्धन्य साहित्यकार काशी निवासी पंडित हरिराम द्विवेदी 'हरि भैया' के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शोक जताया है। आज (मंगलवार) वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह एक्स हैंडल पर शोक संदेश जारी किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह एक्स हैंडल पर शोक संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा, '' हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार और काशी के निवासी पंडित हरिराम द्विवेदी जी के निधन से दुखी हूं। अंगनइया और जीवनदायिनी गंगा जैसे कविता संग्रह और अपनी विभिन्न रचनाओं के साथ, वे हमेशा हमारे जीवन में उपस्थित रहेंगे। उन्हें श्रीचरणों में स्थान मिले। ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।''

87 वर्षीय द्विवेदी लंबे समय से बीमार थे

87 वर्षीय द्विवेदी लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने सोमवार दोपहर 2:15 बजे वाराणसी में महमूर गंज के मोती झील स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। पंडित हरिराम द्विवेदी का जन्म 12 मार्च, 1936 को मिर्जापुर के शेरवा गांव में हुआ था। उन्हें साहित्य अकादमी भाषा सम्मान, राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, साहित्य भूषण, साहित्य सारस्वत सम्मान सहित कई अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए। उनके मुख्य कविता संग्रह-अंगनइया, पातरि पीर, जीवनदायिनी गंगा, साई भजनावली, पानी कहे कहानी, पहचान, नारी, रमता जोगी, बैन फकीर, हाशिये का दर्द, नदियो गइल दुबराय आदि हैं।

वह आकाशवाणी और भोजपुरी जगत की एक बड़ी शख्सियत थे

उन्होंने मर्यादा इस देश की पहचान है, गंगा पूजा है, धर्म दिन है, ईमान है, गंगा जैसे प्रसिद्ध गंगा गीत सहित सैकड़ों भोजपुरी काव्य रचना की, वह देश के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वह आकाशवाणी और भोजपुरी जगत की एक बड़ी शख्सियत थे। पंडित हरिराम द्विवेदी को साहित्य अकादमी भाषा सम्मान, राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा), साहित्य भूषण (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा), साहित्य सारस्वत सम्मान (हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग) सहित कई अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए थे।

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