Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले में आज आएगा आदेश, जानें डिटेल

Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले में जिला अदालत से गुरुवार को भी कोई आदेश नहीं आया। इस मामले में जिला जज की अदालत में पांच जनवरी शुक्रवार को आदेश आ सकता है
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वाराणसी, (हि.स.)। ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले में जिला अदालत से गुरुवार को भी कोई आदेश नहीं आया। इस मामले में जिला जज की अदालत में पांच जनवरी शुक्रवार को आदेश आ सकता है। माना जा रहा है कि एएसआई के आवेदन 4 सप्ताह तक सर्वें रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए पर सुनवाई हो सकती है।

लार्ड विश्वेश्वर मामले में भी सर्वें रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश

एएसआई को इलाहबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 1991 के लंबित वाद लार्ड विश्वेश्वर मामले में भी सर्वें रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। ऐसे में एएसआई को द्वितीय प्रति तैयार करने में समय लग सकता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जिला जज की अदालत में सर्वे रिपोर्ट दो सील बंद लिफाफों में दाखिल की है। वादी हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया है। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने पहले आपत्ति जताई थी। लेकिन बाद में उसने भी ईमेल आईडी पर रिपोर्ट मांगी है।

शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए- मसाजिद कमेटी

प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत से अनुरोध किया है कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए। उधर,गुरुवार को ही सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एएसआई को 19 जनवरी तक ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे रिपोर्ट को दाखिल करने का एएसआइ को निर्देश दिया है। वादमित्र के प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एएसआई को निर्देश दिया कि सर्वे रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करे और इसकी प्रति वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को उपलब्ध कराए।

क्या था मामला?

बीते वर्ष के 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआइ को ज्ञानवापी में हुए सर्वे रिपोर्ट वाराणसी की सिविल जज (सीनियर डिविजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया था। गौरतलब हो कि पं.सोमनाथ व्यास व अन्य ने स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से वर्ष 1991 में ज्ञानवापी में मंदिर निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार देने को लेकर याचिका दाखिल की थी। इसी मामले में सुनवाई हुई।

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