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वाराणसी: फल उत्पादकों के नवीन एफपीओ को दिया गया पंजीकरण प्रमाण पत्र

वाराणसी, 02 मार्च (हि.स.)। वाराणसी जिले के कृषि क्षेत्र में नवोन्मेषी कार्यो को बढ़ावा देने के लिए भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारत सरकार और उद्यान विभाग ने बड़ी पहल की है। विकासखण्ड काशी विद्यापीठ के ग्राम टिकरी में औद्यानिक क्रियाकलापों के संचालन के लिए कृषक उत्पादक संगठन का पंजीकरण किया गया है। टिकरी में पंजीकृत कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) उद्यान विभाग के औद्यानिक उत्पादन एवं विपणन सहकारी समिति के रूप में एनसीडीसी के नीतियों के तहत गठित किया गया है। ये जिला उद्यान अधिकारी सन्दीप कुमार गुप्त ने मंगलवार को बताया कि केन्द्र सरकार ने विगत वर्ष दस हजार नये एफपीओ के गठन एवं उनके माध्यम से आत्म निर्भर भारत की संकल्पना को साकार कर कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए पहल की थी। सरकार के निर्धारित पालिसी के तहत एवं एनसीडीसी के क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ एवं उद्यान विभाग के निदेशक आर.के. तोमर के माध्यम से मशरूम, हरी मिर्च एवं शाकभाजी, फल उत्पादकों के नवीन एफपीओ को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। ये प्रमाण पत्र राज्य मंत्री, कृषि एव किसान कल्याण मंत्रालय,एफपीओ के अध्यक्ष अमित सिंह एवं सचिव रामदुलार राम को निदेशक एवं निबंधक,उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा निर्गत किया गया। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि 30 दिसम्बर 2020 को जिलाधिकारी वाराणसी ने बैठक कर एनसीडीसी एवं नाबार्ड के माध्यम से प्रत्येक ब्लॉक में एफपीओ गठन करने का निर्देश दिया था। एफपीओ के संरक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि यह एफपीओ पूरे भारत में कोआपरेटिव सेक्टर और औद्यानिक सहकारी समिति के संयुक्तता के साथ प्रथम रूप से गठित है। एफपीओ की सदस्य संख्या बढ़ाकर 500 कृषकों तक की जायेगी। इसे पहले एफपीओ सचिव रामकुमार राय ने जिला उद्यान अधिकारी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एफपीओ मुख्यतः मसाला, शाकभाजी के प्रसंस्करण और प्रसंस्कृत उत्पादों, मूल्य संवर्धन, गुणवत्तापूर्ण निवेश प्रबंधन एवं मशरूम की खेती को बढ़ाने पर कार्य करेगी। जिला उद्यान अधिकारी ने बातचीत के दौरान राय को बताया कि शीघ्र ही चोलापुर विकासखंड में एक एफपीओ का गठन प्रस्तावित है । जिलाधिकारी के निर्देशानुसार शेष विकास खंडों में कृषकों में जागरूकता कार्यक्रम कराते हुए एफपीओ से कृषकों को जोड़कर प्राकृतिक खेती, जैविक खेती को बढ़ावा देकर साग भाजी फल उत्पादों को देश के साथ-साथ विदेश के बाजारों में भी भेजा जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय

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