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वाराणसी: इमाम-ए-हसन की विलादत पर घर—घर हुई नजर, कोरोना से मुक्ति के लिए दुआख्वानी

वाराणसी,28 अप्रैल (हि.स.)। रसूल-ए-खुदा मोहम्मद साहब के नवासे, हजरत इमाम हसन की विलादत बुधवार को शिया समुदाय ने उत्साह से मनाई। विलादत (जयंती) पर शिया समुदाय के घरों में नजर दिलाई गई। इमाम की जयंती का जश्न मनाया गया। मस्जिदों में कोरोना प्रोटोकाल का पालन कर महफिल हुई और इस बीमारी से लड़ने के लिए लोगों में हिम्मत ओ ताकत के लिए दुआएं की गई। रामनगर, शिवाला, बजरडीहा, नई सड़क, चौक, पितारकुंडा आदि क्षेत्रों में भी इमाम की विलादत पर दुआएं हुई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि इमाम की पैदाइश पांच रमजान हिजरी सन तीन या एक दिसंबर 620 ई0 को हुई। ये हजरत अली और जनाब-ए-फातिमा के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने बताया कि इमाम हसन ने अपने अमल से सिखाया की इंसान को एक दूसरे इंसान की जरूरत पूरी करने में कोई धर्म, क्षेत्र का भेदभाव नहीं करना चाहिए। उनके घर पर हर रोज पूरे साल ऐसा दस्तरख्वान चलता था जिसमें कोई भी कभी भी आकर खाना खा सकता था। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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