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वाराणसी : चैत्र नवरात्र में पहले दिन भगवती शैलपुत्री और मुख निर्मालिका गौरी का होगा दर्शन

-दरबार में बैरिकेडिंग का कार्य पूरा,कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ दर्शन पूजन वाराणसी, 12 अप्रैल (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में चैत्र नवरात्र की तैयारियां घरों और देवी मंदिरों में सोमवार को भी चल रही हैं। घरों और मंदिरों की साफ-सफाई के साथ कलश स्थापन के लिए पूजन सामग्री की खरीददारी भी लोग करते रहे। चैत्र नवरात्र के पहले दिन बाबा की नगरी में अलईपुर स्थित देवी शैलपुत्री के दरबार में बैरिकेडिंग के कार्यो को अन्तिम रूप दिया गया। वहीं, गायघाट स्थित मुख निर्मालिका गौरी के दरबार में भी श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन की तैयारियों को अन्तिम रूप दिया गया। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से दर्शन पूजन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील किया है। दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी गई है। भदैनी स्थित नौ दुर्गा, महिषासुर मर्दिनी, कमच्छा स्थित कामाख्या देवी अन्य देवी मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए पूरे दिन तैयारियां चलती रही। उधर, नवरात्र में पहले दिन कलश स्थापना का सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त 13 अप्रैल को सुबह 10:17 बजे तक है। ज्योतिषविद मनोज उपाध्याय ने बताया कि सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक शुभ मुहूर्त की अवधि- 04 घंटे 15 मिनट है। चैत्र नवरात्रि में आदिशक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना व्रत रखकर करते हैं। नवरात्रि पर्व 13 अप्रैल से प्रारंभ होगा जो 22 अप्रैल को समाप्त होगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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