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महिलाओं को स्वालम्बन बनाने को होलिका दहन में गोबर से बने कंडों का करें इस्तेमाल

— एकल भारत लोक शिक्षा परिषद ने होली पर्व में वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर कंड़ों के प्रयोग पर दिया जोर कानपुर, 12 मार्च (हि.स.)। होली के पर्व में रंगों के साथ वातावरण को शुद्ध व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं ने पलह शुरु कर दी है। शुक्रवार को एकल भारत लोक शिक्षा परिषद ने स्वरूप नगर में प्रेस वार्ता की। वार्ता में कानपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. एस प्रसाद ने बताया कि गाय के गोबर से बने कंडों का इस्तेमाल कर गौ संवर्धन व पर्यावरण संरक्षण का कार्य एकल अभियान के अंतर्गत इस बार होली के त्योहार पर किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए चैप्टर की महिला विंग की सराहनीय कर बताया कि इस बार की होली किस तरीके से मनाई जाए और रंग से हमारी आंखों भी सुरक्षित रहें और गौ संवर्धन व पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी लोग करें। महिला विंग की अध्यक्ष अनुराधा वार्ष्णेय ने बताया कि एकल परिवार द्वारा गौ संवर्धन व पर्यावरण संरक्षण पर कार्य किया जा रहा है। गायों के गोबर से बने हुए कंडों से इस बार होलिका दहन करने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है। बताया कि इस बार होली हर सोसाइटी, हर चौराहे पर लकड़ी की जगह गोबर से बने कंडों की जलाई जाएगी। जिससे गांव में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उनसे कंडे बनवाए जा रहे हैं और गोबर के कंडों से होलिका दहन करने से वायु प्रदूषण में कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/मोहित

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