नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। देश में भले ही पेपर लीक को लेकर कानून बना दिया गया हो। लेकिन अभी तक इस कानून का असर नकल माफिया पर बिल्कुल नहीं हो रहा है। अब इसके लिए सरकार से लेकर उनके के सिस्टम तक के लोग जिम्मेदार माने जा सकते हैं। एक जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश और देश में चल रही अपनी डबल इंजन की सरकार को लेकर दम्भ भर रहें हैं। तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के युवा पेपर लीक की समस्याओं से दो चार हो रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर उत्तरकुंजी वायरल
आपको बता दें प्रदेश में समीक्षा अधिकारी (RO) सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा शुरू होने के बाद इंटरनेट मीडिया पर उसकी उत्तरकुंजी वायरल हो गई। वायरल उत्तरकुंजी में कई प्रश्नों के उत्तर मिल रहे थे। इसलिए अभ्यर्थियों परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाया। इस मामले की जानकारी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अफसरों को दी गई, लेकिन उन्होंने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इन्कार किया।
सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड हो रहा #RO_ARO_PAPER_LEAK
इसके बाद छात्रों ने यूपीपीएससी के अफसरों और सरकार तक अपनी बात पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। जिसके बाद अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक हैसटैग ट्रेंड कराया। जिसमें लिखा है #RO_ARO_PAPER_LEAK इस ट्रेंड के साथ अभ्यर्थियों ने सरकार और सम्बंधित अधिकारीयों से न्याय की गुहार लगाई है।
छात्रों को मिला पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का साथ
अभ्यर्थियों/छात्रों के इस मसले पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है कि उत्तरप्रदेश में समीक्षा अधिकारी का पेपर भी लीक हो गया। यह अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ भाजपा सरकार की साज़िश ही लगती है क्योंकि ये सरकार बेरोज़गारों नौकरी ही नहीं देना चाहती है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है की आरओ/ एआरओ के 411 पदों पर भर्ती की प्री परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू हो गई थी। इसके कुछ देर बाद इंटरनेट मीडिया पर उत्तरकुंजी वायरल होने लगी। वायरल उत्तरकुंजी में 140 प्रश्नों के सापेक्ष 102 प्रश्नों के जवाब हाथ से लिखे गए थे। यह किस सिरीज के थे, इसका उसमें जिक्र नहीं था। हर सिरीज से अधिकतर के जवाब इससे मिल रहे थे। ऐसे ही हिंदी के 60 प्रश्नों के सापेक्ष इसमें 26 प्रश्नों के उत्तर दिए थे। हालांकि इसमें हिंदी के ज्यादा प्रश्न नहीं मिल रहे थे। पहली पाली के दौरान उत्तरकुंजी वायरल होने के मामले में आयोग की ओर से अभ्यर्थियों के लिए कोई संदेश नहीं आया। आयोग का पक्ष नहीं मिला और शाम को अफसरों का फोन भी स्विच आफ हो गया है।
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