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उप्र ने 624.33 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन कर बनाया नया रिकॉर्ड : कृषि मंत्री

- 6.71 लाख कृषकों से 33.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया लखनऊ, 24 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में अब तक खाद्यान्न उत्पादन 624.33 लाख मीट्रिक टन हो चुका है। यह प्रदेश के लिए एक एक नया रिकॉर्ड बन गया है। वहीं, 6.71 लाख कृषकों से 33.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। यह जानकारी सोमवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कही। श्री शाही बताया कि आधार आधारित खरीद और पीएफएमएस के माध्यम से 13.05 लाख किसानों को लाभ पहुंचाया गया है। वर्षा की चेतावनी को देखते हुए सरकार के निर्देश पर सभी क्रय केन्द्रों पर रखे गेहूं को विधिवत सुरक्षित करके रखा गया है। जिससे वर्षा के दौरान गेहूं खराब न हो सके। कृषि मंत्री ने कहा कि पहली बार मंडियों में न केवल अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ाया गया है, बल्कि किसानों के लिये मंडियों में पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के सख्त निर्देश भी दिये हैं। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद में शामिल कर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया गया है। किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं खरीदकर उनकी दिक्कतों को भी कम करने का काम किया गया है। बता दें कि, कांग्रेस गेहूं खरीद और उसके भंडारण के सम्बन्ध में सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का गेहूं बिना तौल भीग जाने का आरोप लगाया था, जिसको सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का आरोप वास्तविकता से परे है। वर्षा की चेतावनी से सभी केंद्र प्रभारियों को समय से अवगत करा दिया गया था, जिसके कारण क्रय केन्द्रों पर रखा हुआ गेहूं को विधिवत कवर करके रखा गया था और कहीं से भी गेहूं के खराब होने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। कालाबाजारी और जमाखोरी पर लगाई लगाम उन्होंने कहा कि राज्य में योगी सरकार किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए प्रति बोरी अनुदान 500 रुपये से बढ़ा कर 1200 रुपये कर दिया है। किसानों को अब 1200 प्रति बोरी की कीमत पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता प्रदेश में है, जिसे कृषक निर्धारित दरों पर क्रय कर रहे हैं। वर्ष 2014 में डीएपी की कीमत रुपये 1130 प्रति बोरी थी। वहीं, सरकार की ओर से लगातार कालाबाजारी एवं जमाखोरी पर भी सख्त कार्यवाही की जा रही है। पारदर्शिता के लिये हुआ ई-पॉप मशीनों का उपयोग उत्तर प्रदेश सरकार ने गेंहू खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल कर क्रांति लाने का काम किया। इस व्यवस्था से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका, पूरी तरह से समाप्त हो गई। किसानों को उनके अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में मिलना शुरू हो गया। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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