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बसन्त पंचमी के दिन दो खास संयोग

- विद्या भारती विद्यालयों में सरस्वती पूजन और विद्यारम्भ संस्कार प्रयागराज, 16 फरवरी (हि.स.)। हिंदू धर्म में बसन्त पंचमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। आज के दिन गंगा स्नान के उपरान्त मां सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जिसके लिए श्रद्धालुओं का संगम पर जमावड़ा लगा है। आज के दिन दो खास संयोग बन रहे हैं। मंगलवार की सुबह 3:36 पर पंचमी तिथि लग गयी है, जो 17 फरवरी की सुबह 5:46 पर समाप्त होगी। त्रिवेणी मार्ग स्थित जगतगुरु विनैका बाबा ने बताया कि आज के दिन लोग सरस्वती की भी आराधना करते हैं। शिक्षा प्रारम्भ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है। इस बार बसंत पंचमी के दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है। पूरे दिन रवि योग रहने से इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। सरस्वती पूजन और विद्यारम्भ संस्कार प्रारम्भ विद्या भारती से सम्बद्ध समस्त विद्यालयों में मंगलवार की सुबह लगभग दस बजे से सरस्वती पूजन बड़े धूमधाम से किया गया। सिविल लाइन्स स्थित ज्वाला देवी स.वि.म इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र, रानी रेवती देवी विद्या मंदिर इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय एवं माधव ज्ञान केन्द्र इण्टर कालेज नैनी के प्रधानाचार्य प्रदीप त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया है कि बसंत पंचमी के दिन ज्ञानदायिनी मां सरस्वती का पूजन एवं शिशु मन्दिर के भैयाओं का विद्यारम्भ संस्कार कार्यक्रम विधि-विधान से सम्पन्न होगा। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित-hindusthansamachar.in

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