क्षय रोगी खोज अभियान दो जनवरी से, 144 टीमें गठित
हाथरस, 29 दिसंबर (हि.स.)। देश से क्षय रोग को वर्ष 2025 तक ख़त्म करने को लेकर समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी के तहत जनपद में दो जनवरी से 12 जनवरी तक टीबी एक्टिव केस फाईन्डिंग (एसीएफ) अभियान चलेगा, जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। विभाग द्वारा सभी सदस्यों को सेनीटाइजर, मास्क, ग्लव्स आदि मुहैया कराए जाएंगे। जिले में 30 सुपरवाइजर के नेतृत्व में 144 टीम कार्य करेंगी, प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनिल सागर वशिष्ठ का कहना है कि टीबी एक संक्रामक रोग है। ज्यादातर रोगी फेफड़ों की टीबी के होते है। दो जनवरी से दस दिनों के लिए टीबी के संबंध में एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलेगा। जिले के सिकंदराराऊ, सादाबाद, सासनी, हाथरस क्षेत्र में अभियान चलाया जायेगा। जिसमें करीब 3.5 लाख आबादी की जांच का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही इस दौरान कोविड-19 की भी जांच की जाएगी। डॉ. वशिष्ठ ने बताया यह बीमारी हवा के जरिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकती है। फेफड़ों की टीबी के रोगी को खांसी जरूर आती है, खांसने पर थूक के कण निकलते है, उसमें कीटाणु होते है जो वायु मंडल में रहते है। हवा में इसके जीवाणु कम से कम 5 घंटे तक और उससे भी अधिक जीवित रहते है। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रिल/दीपक-hindusthansamachar.in