tripartite-mou-signed-for-the-integration-of-mushrooms-in-the-mid-day-meal
tripartite-mou-signed-for-the-integration-of-mushrooms-in-the-mid-day-meal

मध्याह्न भोजन में मशरूम का एकीकरण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर

-बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार, महिलाओं की आय दोगुनी होगी वाराणसी,19 मार्च (हि.स.)। योगी सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर शुक्रवार को जिले में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) परियोजना के तहत मशरूम के एकीकरण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित स्वास्थ्य प्रदर्शनी और जनसभा में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ये कार्य किया गया। इस योजना से स्वयं सहायता समूह एवं किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) की महिलाओं के आजीविका संवर्धन भी होगा। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा एवं मुख्य विकास अधिकारी मधुसुदन हुल्गी के दिशा निर्देशन में परियोजना में टेक्निकल सपोर्ट यूनिट–कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फॉउंडेशन समर्थित) के समर्थन मिलेगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बेसिक शिक्षा विभाग एवं जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीसी) जयापुर, वाराणसी के बीच त्रिपक्षीय एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इसके अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी विद्यालय के बच्चों को मीड-डे-मील योजना में पोषण दृष्टी से सप्ताह में एक दिन (प्राइमरी के बच्चों को 15 ग्राम एवं अपर प्राइमरी विद्यालय के बच्चों को 20 ग्राम) मशरूम उपलब्ध कराया जायेगा। मशरूम में पौष्टिक तत्वों की बहुलता होती है। जिले में समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित मशरूम की आपूर्ति एफपीसी द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही साथ एफपीसी मशरूम का मूल्य संवर्धन करते हुए सदस्यों को बेहतर मार्केट दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। योजना के शुरुआत में आराजीलाइन ब्लाक की समूह की महिलाओं को शामिल किया जाएगा। प्रथम चरण में ब्लाक को ‘मशरूम ब्लॉक’ के रूप में विकसित किया जाएगा। बाद में चरणबद्ध तरीके से पूरे जिले में लागू करते हुए अन्य ब्लाको की अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा। इस कार्य में शामिल प्रत्येक समूह की महिला को प्रति माह लगभग 3500 रु की आमदनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक

Raftaar | रफ्तार
raftaar.in