मीरजापुर, 05 जून (हि.स.)। मड़िहान तहसील क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर गांव स्थित कृषि सहकारी समिति की लगभग आठ हजार बीघे जमीन पर अभिलेखों में हेराफेरी कर हथियाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सदस्यों पर प्रारम्भिक कार्रवाई के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से ट्वीट के बाद फार्महाउस के सदस्यों में खलबली मची है। उल्लेखनीय है कि सोनभद्र के घोरावल तहसील क्षेत्र के उभ्भा गांव स्थित समिति की जमीन पर विवाद को लेकर 16 जुलाई 2020 में दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें ग्यारह लोगों की जान चली गयी थी। घटना के बाद चार बार मुख्यमंत्री को घटनास्थल पर जाना पड़ा। बड़ी कार्रवाई से शासन-प्रशासन के कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिरी थी। इसके बाद से ही क्षेत्र की सहकारी समितियों की जांच के लिए उच्चस्तरीय टीम गठित की गई। मड़िहान तहसील क्षेत्र की 26 सहकारी समिति में 11 समितियों के अभिलेखों में गोलमाल पाया गया था। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने गोपलपुर स्थित समिति का निरीक्षण मौके पर किया था। 1951 में गोपलपुर स्थित सहकारी समिति का गठन हुआ। समिति के अध्यक्ष समेत सोलह सदस्यों का नाम शामिल था। कुछ दिनों बाद तहसील अभिलेखों से समिति का नाम निरस्त होकर लगभग आठ हजार बीघा जमीन सरकार के खाते में दर्ज हो गई। 1974 में पुनः एक बार लोग सक्रिय हुए और फिर से 104 लोग समिति बनाकर जमीन हथियाने में सफल हो गए। राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से समिति में शामिल सदस्यों की मौत के बाद परिजन वरासत कराकर समिति की सैकड़ों बीघे जमीन को बेच दिये। आश्चर्यजनक यह है कि तहसील से खारिज दाखिल भी हो गया। जबकि सामान्य खारिज दाखिल कराने में लम्बा समय खिंचता है। उभ्भा गांव में नरसंहार के बाद समितियों की जांच के बाद फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन हथियाने वाले सदस्यों पर कार्रवाई की तरवार लटक रही है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त