संत परमहंस दास को नजरबंद किये जाने का हिन्दू महासभा ने किया कड़ा विरोध

The Hindu Mahasabha strongly opposed the detention of Sant Paramahansa Das
The Hindu Mahasabha strongly opposed the detention of Sant Paramahansa Das

- अनशन से पहले अयोध्या के संत को प्रशासन ने कर दिया नजरबंद लखनऊ, 17 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने जगतगुरु परमहंस दास को अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा नजरबंद किये जाने का कड़ा विरोध किया है। महासभा ने इस मामले में आंदोलन शुरु करने की चेतावनी भी दी है। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडेय ने रविवार को यहां कहा कि भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या के परिक्रमा क्षेत्र में मॉस और मदिरा की दुकानों को हटाने को ले कर हिन्दू महासभा के संरक्षक जगतगुरु परमहंस दास जी महराज द्वारा चलाए जा रहे अभियान के दौरान उन्हें आश्रम में नजरबन्द कर दिया गया है, जो अति निंदनीय है। श्री पांडेय ने अपने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि अयोध्या की परिक्रमा क्षेत्र में जहां सम्पूर्ण विश्व का सनातनी अपने आस्था को सजोये इस पवन धरा में आ कर अपने जीवन को धन्य मानता है। जिस अयोध्या में गौमाता सहित सम्पूर्ण जीवों का निर्भीक जीवन हमारी संस्कृति का हिस्सा है उसी अयोध्या में मांस और मदिरा की दुकान हमारी धार्मिक आस्था पर बज्रपात करती है । उन्होंने कहा कि जगतगुरु परमहंस दास जी महराज ने उत्तर प्रदेश सरकार से विनम्र निवेदन किया था कि उक्त दुकानों को वहां से हटाया जाये किन्तु उन्हें नजरबन्द करना किसी न्यायप्रिय या धार्मिक मान्यताओं का आदर करने वाले शासक का नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि परमहंस दास जी महराज एवं करोड़ों तीर्थयात्रियों की भावनाओं का आदर कर मांस एवं शराब कि दुकानों को हटाया जाये। श्री पांडेय ने कहा कि यदि सरकार द्वार परिक्रमा क्षेत्र से उक्त दुकानें नहीं हटाई गई तथा संत परमहंस दास जी महराज को नजरबंदी से बहाल नहीं किया गया तो अखिल भारतीय हिन्दू महासभा आंदोलन करने को बाध्य होगी। महासभा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुश्री प्रीति राय ने भी जगतगुरु परमहंस दास जी महराज को नजरबन्द करने की घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम कि जन्म स्थली एक पवित्र स्थान है जहां रामराज कि परिकल्पना चरितार्थ होती है। ऐसे में वहां जीव हत्या या मदिरापान न्यायोचित नहीं है। इसे सरकार को तत्काल बंद करने कि पहल करनी चाहिए तथा महाराज जी को नजरबन्द की प्रक्रिया से तत्काल स्वतंत्र कर देना चाहिए। गौरतलब है कि अयोध्या में अण्डा, मांस व मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग को लेकर संत परमहंस जिले की महोबरा बाजार में अनशन करने वाले थे, इससे पहले जिला प्रशासन ने उन्हें उनके आश्रम में ही नजरबन्द कर दिया। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

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