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स्वतंत्रा संग्राम के आजाद सेनानी पं. चन्द्रशेखर आजाद की 90वीं पुण्यतिथि मनाई गई बलिदान दिवस के रुप में

- लोगों ने उनके वाक्य-मैं आजाद था,आजाद हूं और आजाद ही रहूंगा,को दोहराया झांसी, 27 फरवरी (हि.स.)। स्वंतत्रता के संग्राम में पं. चन्द्रशेखर आजाद ऐसे योद्धा रहे,जिन्हें हमेशा आजाद के नाम से ही बुलाया गया और आज तक बुलाया जाता है। उनके अपने द्वारा बुलंद किए गए नारों में भी यह नारा शामिल रहा। यही नहीं आज भी जब स्वतंत्रता संग्राम के आजाद सेनानी की चर्चा की जाती है तो एकमात्र नाम पण्डित जी का ही आता है। शनिवार को उनकी 90वीं पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रुप में पूरे जिले में मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न राजनैतिक दलों ने भी श्रृद्धांजलि देते हुए उनकी प्रतिमाओं पर माल्यापर्ण किया। कांग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष अरविन्द वशिष्ठ ने सिंचाई विभाग के समीप स्थित पं.चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्रता के संग्राम में वही केवल सेनानी थे जो आजाद योद्धा के रुप में रहे। मरते समय भी उन्होंने अंग्रेजों की गोली से स्वयं की मौत को नहीं होने दिया,बल्कि अननी गोली से मौत को चुना। उनकी इस स्वाभिमानी आदत को हमें अपनाना चाहिए। इस दौरान कांग्रेसी नेता राहुल रिछारिया ने भी उनके जीवन पर प्रकाश डाला। तमाम संस्थानों में उनके बलिदान दिवस पर उन्हें याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। उनके जीवन परिचय पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में मात्र 15 वर्ष की आयु में सहयोग किया। वक्ताओं ने उनके क्रांतिकारी जीवन एवं झांसी में किए गए कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। उनके बारे में कई दिग्गज फिल्म कलाकारों ने फिल्मों में भी किरदार निभाया। कई शिक्षण संस्थाएं उनके नाम से आज भी संचालित हो रही है। काकोरी कांड में दोषी पाए जाने के कारण उनको मौत की सजा दी गई थी। उधर, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष महेश कश्यप के नेतृत्व में सपाइयों ने भी उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करते हुए उन्हें याद किया। साथ ही देश की जनता को उनके बलिदान को सदैव याद रखने की अपील भी की। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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