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सेटेलाइट सिस्टम से संपत्ति कर के दायरे में आए दस हजार भवन

गाजियाबाद, 23 अप्रैल (हि.स.)। गाजियाबाद नगर निगम के लिए संपत्ति कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सेटेलाइट सिस्टम का प्रयोग कारगर सिद्ध हो रहा है। इस सिस्टम के जरिए भवनों का बढ़ा हुआ कवर्ड एरिया भी पकड़ में आ रहा है। अभी तक दस हजार नए भवन टैक्स के दायरे में लाए गए हैं। नगर निगम ने सेटेलाइट सिस्टम का प्रयोग वसुंधरा जोन में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरु किया था। वसुंधरा जोन में सेटेलाइट के जरिए दस हजार नए भवन टैक्स के दायरे में लाए गए हैं। इससे उत्साहित नगर निगम बहुत जल्द ही कवि नगर, मोहन नगर, विजय नगर और सिटी जोन में भी इस सिस्टम को लागू करने जा रहा है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि नगर निगम कर्मचारियों की लापरवाही से छूटे गए भवनों से संपत्ति कर वसूलने के लिए सेटेलाइट सर्वे सिस्टम से हाउस टैक्स की चोरी भी पकड़ में आएगी। नगर निगम द्वारा वसुंधरा जोन के अलावा अन्य सभी चार जोनों में भवनों का ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम सर्वे कराया जा रहा है। इन दोनों का सर्वे पूरा होने के बाद इसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। खास बात यह है कि रिपोर्ट में भवनों पर मौजूदा संपत्ति कर का आकलन भी किया जाएगा। इसके जरिए संपत्ति कर की चोरी भी पकड़ में आएगी। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में लगभग तीन लाख 60 हजार भवन है जो संपत्ति कर दे रहे हैं। इन भवनों पर कर निर्धारण कई वर्ष पहले हुआ था, लेकिन अभी तक रिवाइज निर्धारण नहीं हुआ है। बड़ी संख्या में भवन स्वामियों ने अपना कवर्ड एरिया तो बढ़ा लिया है, लेकिन उस पर संपत्ति कर के लिए कोई कर निर्धारण नहीं कराया है। भवनों का कवर्ड एरिया कई गुना बढ़ चुका है। नगर आयुक्त ने बताया कि होटल मॉल्स स्कूल कॉलेजों में कर निर्धारण की गड़बड़ी सबसे ज्यादा होती है। इन मामलों में निगम कर्मचारियों और प्रतिष्ठान मालिकों की मिलीभगत से कर चोरी होती है। पिछली बोर्ड बैठक में यह मामला भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ,राजीव शर्मा और कांग्रेस के मनोज चैधरी ने उठाया था। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान

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