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गोपनीय आख्या को लेकर शिक्षक उतरे मैदान में, दिया ज्ञापन

उन्नाव, 15 फरवरी (हि.स.)। प्रान्तीय संगठन के निर्देश पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बेसिक शिक्षको की गोपनीय आख्या का आदेश वापस लिए लाने की मांग को लेकर उ0 प्र0 जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने आज मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन ज़िलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट आत्माराम दुबे को सौंपा गया। संगठन के जिला अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षक समाज अपने दायित्वो का निर्वाहन करने के साथ गैर शैक्षणिक कार्य भी करते है। प्रशासन के द्वारा समय समय पर वोटर लिस्ट,पल्स पोलियो चुनाव, स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित करने में पूरा सहयोग देते है। शिक्षक के कार्यो का मूल्यांकन प्रतिदिन विभाग ऑफलाइन ऑनलाइन के अलावा उसके स्कूल के बच्चे अभिभावक समाज करते है। शिक्षक समाज को बहुत कुछ दे रहा है उसे नंबरों का खेल बनाया गया तो शिक्षक समाज की जो छवि समाज मे बनी हुई है उस पर दाग लगाने की साज़िशें भी होगी। शिक्षक समाज मे देश हित मे जो योगदान दे रहा है उसका पैमाना गोपनीय आख्या कतई नही हो सकती है। विभाग में हर तरह के अधिकारी है। ब्लाक स्तरों पर शिक्षको का शोषण बढ़ जायेगा और पद की गरिमा गिरेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी विद्वान है, गुरु परम्परा के बड़े संवाहक भी है शिक्षक समाज आपकी तरफ बड़ी आशा से उम्मीद लगाए है कि इस शिक्षक विरोधी आदेश को वापस लेने के आदेश जारी करेंगे।उन्होंने कहाकि शिक्षक समाज सरकार के हर आदेश का पालन करता आया है करोना काल मे बिना बच्चो के स्कूल गए बच्चो का राशन बंटवाया, ड्रेस जूते किताबे तक घर घर जाकर बांटी।बिना किसी संसाधन दिए तीन दर्जन से अधिक ऑनलाइन ट्रेनिंग ली स्कूल समय के बाद भी ऑनलाइन कार्य किये लेकिन यह आदेश नही मांनेगे क्योकि यह हमारे अस्तित्व की आत्मा को घायल कर देगा। सरकार से हम यह आदेश वापस लेने की पुरजोर मांग करते है। महामंत्री सौरभ सिंह कोषाध्यक्ष कृष्ण शंकर मिश्रा, उपाध्यक्ष महिला अनामिका भारती ने कहा कि इस आदेश को जारी करने के पहले यह तक नही देखा गया है कि शिक्षक की रिपोर्ट उन बिंदु पर भी ली जाएगी जिससे उनका कोई लेना देना ही नही है।कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों में प्रधान व ग्राम पंचायत के अधिकारी के द्वारा कराए गए है।इन कार्यो की मनिरिटरिंग की जिम्मेदारी विकास विभाग की है फिर भी इसे शिक्षक से जोड़ते हुए जिम्मेदारी तय कर दी है।मंडल अध्यक्ष गजेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष ब्रजेश वर्मा, प्रान्तीय कोषाध्यक्ष संजय कनौजिया ने कहा कि बेसिक शिक्षा की संकल्पना के बाद अब तक ऐसा कोई आदेश जारी नही हुआ था।यह नियम कर्मचारियों के लिए था। हमारी नियुक्ति नियमावली से लेकर आरटीआई एक्ट तक मे ऐसे नियम नही बने है।शिक्षक पर ऐसे नियम बनाकर अपमानजनक स्थितियां भविष्य में सामने आएगी। हमारे प्रमोशन का आधार गोपनीय आख्या तो हो ही नही सकती है। हम परिषद के शिक्षक है जब हमे राज्य कर्मचारी का दर्जा नही हासिल है वैसी सुविधाएं तक नही मिलती है तब मूल्यांकन का आधार समान कैसे हो सकता है।पेंसन बीमा तक खत्म कर दिया गया है।हमारी तमाम मांगे व समस्याये शासन स्तर पर लंबित है जिन पर विचार तक नही किया गया है अवकाश कम कर दिए गए है केवल वही आदेश लागू करने के प्रयास हो रहे है जिससे भय का माहौल कायम किया जा सके।ज्ञापन देने वालो में मुख्य रूप से सचिंद्र पटेल,राकेश बघेल,अक्षय कटियार,गणेश शंकर गुप्ता,शिव कुमार तिवारी,संदीप कटियार,अजय कुमार त्रिपाठी, राजकुमार यादव, इमरान खान, दिलीप विमल,रामनाथ मौर्या, अवनीश पाल,शिल्पी चौहान, निधि मिश्रा,शरद कुशवाहा,अर्चना सिंह,चंद्रावती,शशि शुक्ला, स्वर्ण लता, सुषमा यादव, नीरज तिवारी, नम्रता श्रीवास्तव, सुधीर कुशवाहा सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक साथी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/अरुण कुमार दीक्षित-hindusthansamachar.in

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