तीन वर्ष के इंतजार बाद स्वस्थ हुई तनु
- पांच लाख की सर्जरी मुफ्त,अब तक 6 बच्चों की हो चुकी है सर्जरी झांसी, 09 फरवरी (हि.स.)। जन्म से दिल में दो छेद और सुनने में असमर्थ्य जैसी जन्मजात दोषों के साथ पैदा हुई तनु 3 साल की लंबी जंग के बाद अब पूरी तरह स्वस्थ्य है। जिले के दातानगर वासी वैकुंड सिंह पेशे से किसान हैं। तनु उनकी दूसरी औलाद है। वह बताते हैं कि पत्नी जब गर्भावस्था में थी तो 6-7 माह में डॉक्टर ने बताया कि बच्चा कमजोर है। सभी एहतियात बरती गयी, लेकिन जब तनु का जन्म हुआ तो मेडिकल कॉलेज के डॉ. ओमशंकर चौरसिया से पता चला कि उसके दिल में दो छेद हैं और इसका उपचार जल्द कराना है। डॉक्टर की सलाह पर ही बच्ची का इलाज रायपुर स्थित अस्पताल में नि:शुल्क कराया गया। इस स्थिति से निकलने के बाद जैसे-जैसे तनु बढ़ी हुई तो लगा कि वह किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। डॉ. चौरसिया के द्वारा दुबारा जांच पर पता चला कि तनु सुनने में असमर्थ् है। तब डॉ. चौरसिया ने बच्ची के परिवारवालों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में बताया। दिसंबर 2019 में कानपुर की डॉ. एस एन मेहरोत्रा फाउंडेशन के जरिये तनु को ऑपरेशन के लिए चिन्हित किया गया। सभी कागजी दस्तावेजों को पूरा करने के बाद जब तनु के ऑपरेशन की तारीख आई तो लॉकडाउन लग गया। अंततः बीती 6 जनवरी को तनु का ऑपरेशन कर उसके एक तरफ के कान के अंदर मशीन लगा दी गयी और 15 दिन बाद मशीन का वॉल्यूम खोला गया। आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डॉ. रामबाबू बताते है कि डॉक्टर अब धीरे धीरे इस मशीन की आवाज को खोलेंगे। बाहिरी आवाज को कैच करने के लिए एक मशीन कान के बाहर भी लगाई गई है। डॉ.रामबाबू बताते है कि इस तरह की सर्जरी का चार्ज करीब 5 लाख है। जिसे आरबीएसके के अंतर्गत निशुल्क कराया जा रहा है। तनु जैसे 5 और बच्चों का ऑपरेशन हो चुका है। डॉ. रामबाबू बताते है कि बच्चों में जन्मजात बहरापन की समस्या को समय रहते पहचान कर उसका समय से उपचार हो जाए तो बच्चे की पूरी सुनने की क्षमता वापस आ सकती है। क्या है आरबीएसके राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का चिन्हित बीमारियों पर निःशुल्क इलाज मुहैया कराया जाता हैं। इसमें बच्चों में जन्मजात दोष जैसे सिर का बढ़ा होना, पीठ पर उभार, जन्मजात मोतियाबिंद, कान का बहना, पैरों का मुड़ा होना, शारीरिक विकार जैसी अवस्थाओं की सर्जरी जनपद में ही कराई जाती है। वहीं प्रदेश भर से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के बच्चों की सर्जरी झाँसी मेडिकल कॉलेज में कराई जा रही है। इसके अलावा दिल में छेद, कानों में बहरापन, होठ,तालू कटे जैसी समस्याओं की सर्जरी के लिए आरबीएसके के अंतर्गत ही बाहरी जनपदों में इलाज मुहैया कराया जा रहा है। यहां कर सकते है संपर्क इसके लिए अपने जिलें के आरबीएसके टीम से संपर्क किया जा सकता है। हर ब्लॉक स्तर पर भी 2 आरबीएसके टीम गठित है। सभी सर्जरी और उपचार निशुल्क की जा रही है इसके व्यय का वहन एनएचएम के द्वारा किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in