बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए आगे आये समाज
- रेलवे चाइल्ड लाइन ने कार्यक्रम का आयोजन कर बच्चों को किया जागरुक कानपुर, 18 जनवरी (हि.स.)। बाल श्रम को रोकने के लिए भले ही कानून बने हों, पर बाल श्रम बदस्तूर जारी है। छोटे-छोटे बच्चों को भिक्षावृत्ति की ओर ढकेला जा रहा है। इसको रोकने के लिए रेलवे चाइल्ड लाइन अनवरत प्रयासरत है। इसी को लेकर सोमवार को एक कार्यक्रम का आयोजन कर अपील की गयी कि बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए समाज आगे आये। जनपद में बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा सोमवार को जन सामान्य जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनसामान्य बच्चों में लोगों को चाइल्ड लाइन के प्रति जागरुक करना था। इस दौरान बाल शोषण का विरोध करने एवं बच्चों के साथ हो रहे अन्याय की सूचना रेलवे चाइल्ड लाइन के निःशुल्क नंबर 1098 पर देने की अपील की गई। कार्यक्रम का आरंभ जादूगर राम आनंद पाठक द्वारा किया गया। उन्होंने बच्चों को बताया कि हमें बाल शोषण को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए, बल्कि उसका विरोध कर प्रशासन व चाइल्ड लाइन 1098 को सूचना देनी चाहिए। रेलवे चाइल्ड लाइन कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि खुले मंच का उद्देश्य समाज में बढ़ रही बाल शोषण की घटनाओं का विरोध करने एवं उनके खिलाफ कार्रवाई कर बाल शोषण मुक्त समाज की संकल्पना करना व बच्चों को सुरक्षित वातावरण देना हैं। हम सभी लोग रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, चौराहा आदि पर जाते हैं और लोगों को जागरुक करते हैं। बच्चे भीख मांगते हुए दिखाई देते हैं या किसी बच्चे के साथ कुछ गलत हो रहा है, तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए, उनकी मदद के लिए चाइल्ड लाइन के निःशुल्क नंबर 1098 पर सूचना देनी चाहिए, ताकि बच्चों की मदद हो सके और हर एक बच्चा अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके। अंत में बच्चों को रेलवे चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं द्वारा बिस्कुट, चॉकलेट आदि का वितरण किया गया। इस दौरान रेलवे चाइल्ड लाइन निदेशक कमल कांत तिवारी, समन्वय गौरव सचान, जादूगर रामानंद पाठक, स्टेशन अधीक्षक नेहा मिश्रा, जीआरपी, आरपीएफ कर्मी सहित 40 से अधिक बच्चे लोग उपस्थित रहें। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in