Lok Sabha Election: सीतापुर में हर बार पलटती है सियासी बाजी, क्या इस बार टूटेगा रिवाज या बनेगा BJP का रिकॉर्ड

Uttar Pradesh News: सीतापुर लोकसभा सीट पर सभी पार्टियों की नजरें टिकी हुई है। सीतापुर में हमेशा पार्टियां बदलती रहती हैं यहां जीतना टेढ़ी खीर है।
Sitapur, Uttar Pradesh
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। उत्तर प्रदेश की सीतापुर सीट पर कभी भी पासा पलट सकता है। राज्य में किसी भी सीट पर एक नेता 2-3 बार से ज्यादा आसानी से वापसी कर सकता है लेकिन ये खेल सीतापुर में फेल हो जाता है। इस सीट पर अबतक राजेंद्र कुमारी वाजपेयी ही इस सीट से जीत की हैट्रिक लगा पाईं हैं।

सीतापुर सीट पर जीत हासिल करना आसान नहीं

सीतापुर की जनता ने सभी दलों को मौका दिया है। इसी कारण यहां कोई भी नेता ज्यादा समय तक टिक नहीं पाते हैं। यहां की जनता सभी नेताओं को पढ़ती-समझती है उसके बाद वोट देकर अपना फैसला सुनाती है। यहां न तो हिंदु राजनीति का खेल चलता है और न ही मुस्लिम या OBC कार्ड चलता है। लोकसभा चुनाव में हर बार यहां की जनता राजनेताओं का खेल पलट देती है। इसलिए सीतापुर में राजनीति करने वाली पार्टियां भी फूंक-फूंक कर कदम रखती है।

कांग्रेस और BJP में होती है कड़ी टक्कर

सीतापुर लोकसभा सीट पर अबतक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। कभी कांग्रेस, जनसंघ तो कभी BJP, सपा-बसपा को अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिला। लेकिन कोई भी इस सीट पर लंबे समय तक मैदान में नहीं टिक पाया। 5 विधानसभा क्षेत्रों वाले लोकसभा क्षेत्र सीतापुर की राजनीति समय-समय पर करवट लेती रही है। लोकसभा के 17 चुनावों में सिर्फ कांग्रेस की राजेंद्र कुमारी वाजपेयी को ही तीन चुनाव लगातार जीतने में सफलता मिली है। उन्होंने वर्ष 1980, 1984 और 1989 के चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई। इसके अलावा BJP के वर्तमान सांसद राजेश वर्मा को भी 4 बार इस क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का मौका मिला है।

क्या है सीतापुर लोकसभा सीट का इतिहास?

देश को आजादी मिलने के बाद 1952 में सीतापुर में पहली बार कांग्रेस की उमा नेहरू ने वर्ष 1952 व 1957 में चुनाव जीता। कुछ ऐसा रहा सीतापुर का इतिहास-

साल सांसद पार्टी

1952 उमा नेहरु कांग्रेस

1957 उमा नेहरु कांग्रेस

1962 सूरजलाल वर्मा जनसंघ

1967 शारदानंद जनसंघ

1971 जगदीश चंद्र दीक्षित कांग्रेस

1977 हरगोविंद वर्मा जनता पार्टी

1980 राजेंद्र कुमारी वाजपेयी कांग्रेस

1984 राजेंद्र कुमारी वाजपेयी कांग्रेस

1989 राजेंद्र कुमारी वाजपेयी कांग्रेस

1991 जनार्दन मिश्र भाजपा

1996 मुख्तार अनीस सपा

1998 जनार्दन मिश्र भाजपा

1999 राजेश वर्मा बसपा

2004 राजेश वर्मा बसपा

2009 कैसर जहां बसपा

2014 राजेश वर्मा भाजपा

2019 राजेश वर्मा भाजपा

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