sifri-released-the-seeds-of-fifteen-thousand-native-fish-in-the-ganges-of-kad-dham
sifri-released-the-seeds-of-fifteen-thousand-native-fish-in-the-ganges-of-kad-dham

सिफरी ने कड़ा धाम के गंगा में पन्द्रह हजार देशी मछलियों के बीज को छोड़ा

प्रयागराज, 16 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अन्तर्गत मंगलवार को कौशाम्बी के कड़ा धाम घाट पर गंगा नदी में विलुप्त हो रहे मत्स्य प्रजातियों के लगभग 15 हजार भारतीय प्रमुख कार्प-कटला, रोहू, मृगाल मछलियों के बीज को नदी में रैंचिंग कार्यक्रम के तहत छोड़ा गया। गंगा विचार मंच के संयोजक राजेश शर्मा ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान प्रयागराज द्वारा गंगा मिशन के अंतर्गत आयोजित किया गया। उन्होंने गंगा नदी के महत्व तथा इसके संरक्षण एवं संवर्धन के बारे में जानकारी दी। साथ ही मछुआरों को प्रजनन समय में ब्रुडर का शिकार न करने की हिदायत दी, क्योंकि इससे जैव विविधता को खतरा पहुंचता है और मछुआरों की जीविका भी प्रभावित होती है। संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डॉ. डी.एन झा ने नमामि गंगे के अन्तर्गत आयोजित इस परियोजना के बारे में लोगों को जानकारी दी। कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत पूरे गंगा नदी में कम हो रहे महत्वपूर्ण मत्स्य प्रजातियों के बीज का रैंचिंग होना रखा गया है। समारोह में पंडित विजेंद्र पांडेय, विनय कुमार पांडेय, शिव कुमार निषाद, मत्स्य विभाग उप्र, गंगा विचार मंच, मां गंगा सेवा समिति, आस-पास गांव के मत्स्य पालक, मत्स्य व्यवसायी तथा गंगा तट पर रहने वाले स्थानीय लोग उपस्थित रहे। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. वेंकटेश आर ठाकुर ने आश्वस्त किया कि समाज की भागीदारी से हम इस परियोजना के उद्देश्यों को पाने में सफलता प्राप्त करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in