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कोरोना महामारी के सात दिवसीय त्रिवाष्टक पूजन का हुआ असर

90 प्रतिशत संक्रमण में आई कमी, कोरोना खत्म होने पर होगा विशेष अनुष्ठान प्रयागराज, 12 मई (हि.स.)। तीर्थराज प्रयाग के पावन संगम के तट पर जहां देश के कोने-कोने से तीर्थयात्री आकर मनोवांक्षित अनुष्ठान सम्पन्न कराते रहते हैं, वही संतों द्वारा पिछले दिनों एक सात दिवसीय त्रिवाष्टक पूजन की पूर्णाहुति बुधवार को सम्पन्न हुई। इससे कोरोना महामारी में 90 प्रतिशत कमी आयी है। शाण्डिल्य जितेन्द्र त्रिपाठी ने अनियन्त्रित होती विश्वव्यापी कोरोना महामारी पर चिंतन कर श्री रावण संहिता में महामारी से मुक्ति हेतु बताये गये अति विशिष्ट त्रिवाष्टक पूजन का सात दिवसीय अनुष्ठान अपने श्रृंगवेरपुर आश्रम में कुशल आचार्यों एवं वटुक ब्राह्मणों के सानिध्य में स्वयं संकल्प के अनुसार पूर्ण किया था। उक्त अनुष्ठान का जो विशेष उत्तर पक्ष उल्लिखित है उसका सम्पादन स्वयं रावण संहिता के विशेषज्ञ आचार्य शाण्डिल्य जितेन्द्र त्रिपाठी ने संहिता में वर्णित गुप्त मन्त्रों से आहुतियां प्रदान कर अनुष्ठान को शास्त्रोक्त विधि से संगम नोज पर पूर्णाहुति सहित मां त्रिवेणी के विधिवत पूजन एवं आरती के साथ पूर्ण हुआ। इस अनुष्ठानिक आयोजन में योग वेदांत कुटीर के अध्यक्ष स्वामी ओमानन्द सरस्वती, नगर निगम एवं मेला प्राधिकरण के ब्रांड एम्बेसडर राजेन्द्र तिवारी दुकानजी अपनी अनोखी वेषभूषा में उपस्थित रहे। शाण्डिल्य ने पूर्णता पर कहा कि इस दिव्य अनुष्ठान से कोरोना महामारी पर निश्चित विराम लगेगा, जिससे शांति स्थापित होगी। इस अनुष्ठान के एक हफ्ते बाद ही कोरोना महामारी के बढ़ते क्रम पर रोक लगी और आज वर्तमान स्थिति में कोरोना नब्बे प्रतिशत कम हुआ है। जो कुछ दिनों में एकदम समाप्त हो जाएगा। उसके बाद एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन होगा। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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