seeing-the-lockdown-gutkha39s-black-marketing-became-active
seeing-the-lockdown-gutkha39s-black-marketing-became-active

लाॅकडाउन का अंदेशा देख गुटखा की कालाबाजारी करने वाले हुए सक्रिय

चित्रकूट,16 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के बढते मामलों को देखकर लाॅकडाउन का अंदेशा भांपकर कालाबाजारी करने वाले लोग खासे सक्रिय हो गये हैं। पिछले लाॅकडाउन में करोड़ों रुपये कालाबाजारी से कमाने वाले गुटखा के कारोबारियों ने फिर से स्टाक करना शुरु कर दिया है। जिला प्रशासन ने ऐसे कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो पुनः कालाबाजारी करोड़ों के गोरखधन्धे में फिर सफल हो जायेंगे। पिछले वर्ष लाॅकडाउन में कालाबाजारियों ने खूब चांदी काटी थी। विभिन्न कम्पनियों के गुटखों को खासे महंगे दामों में बेंचकर करोड़ों के वारे-न्यारे किये थे। इस बार भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखकर कालाबाजारियों ने लाॅकडाउन के अंदेशे के चलते पुनः विभिन्न कम्पनियों के गुटखों का स्टाक करना शुरु कर दिया है। कोरोना महामारी से जहां लोग जूझ रहे हैं, वहीं महंगाई भी तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में गुटखा का जो दाम बीस रुपये था, वह फिर 25 से 30 रुपये में बिकने लगा है। आम जनता की जेब में महंगाई की मार पडने लगी है। महामारी के चलते लोगों का काम-धन्धा ठप हो रहा है और लोग पलायन को बाध्य हो रहे हैं। वहीं महंगाई के चलते लोगों के बुरे हाल हैं। सरकार महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं कर पा रही है। सरसों का तेल, पेट्रोल, डीजल से लेकर गुटखा के दाम आसमान चूंमने लगे हैं। कालाबाजारियों पर समय रहते अंकुश न लगा तो जल्द गुटखा कारोबारी करोड़ों के गोरखधन्धे में सफल हो जायेंगे। इस मामले में उप जिलाधिकारी राम प्रकाश का कहना कि कोरोना संकट के दौर में किसी भी सामग्री की कालाबाज़ारी बर्दास्त नहीं की जायेगी। कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाई की जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार / रतन

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in