लखनऊ विवि में मनाया गया विज्ञान दिवस, विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष ने छात्रों की भागीदारी को सराहा

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लखनऊ, 28 फरवरी (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में रविवार को 'रमन प्रभाव से लेकर कोविड-19 क्यूबिट्स और लक्ष्य' शीर्षक से विज्ञान दिवस मनाया गया। कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के संरक्षण में और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पूनम टंडन की चेयरपर्सन-शिप में यह कार्यक्रम किया गया। प्रोफेसर आरके शुक्ला इस कार्यक्रम के समन्वयक थे। घनश्याम साही, प्रांतीय अधयक्ष, एबीवीपी ने भी कार्यक्रम में सहभागिता की। उन्होंने कार्यक्रम में दूसरे विश्वविद्यालयों से आमंत्रित आख्यान, अंतर्विभागीय स्तर पर एक आख्यान और स्नातकोत्तर के टॉपर का आख्यान रखने की विभाग की नीति की सराहना की। छात्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की विभाग की सफलता को भी सराहा। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव और प्रोफेसर नवीना वाधवानी द्वारा आमंत्रित वार्ता अत्यधिक ज्ञानवर्धक थी। व्याख्यान में छात्रों को रमन प्रभाव की मूल बातें और इसके व्यापक अनुप्रयोग को समझाया। रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी एक फिंगर-प्रिंट अध्ययन है और यह न केवल अणु के अंदर झांक सकता है, बल्कि कई चीजें स्पष्ट रूप से बता सकता है। प्रो. नवीना की बात 'स्काई इज द लिमिट' मौजूदा कंप्यूटिंग से लेकर फ्यूचरिस्टिक ऑप्टिकल कंप्यूटिंग तक है, जो शोध के एक अत्याधुनिक क्षेत्र 'क्वांटम' के कंप्यूटिंग की व्याख्या करता है। सुनिधि सक्सेना एमएससी भौतिकी की टॉपर हैं, जिन्होंने क्वांटम ब्रेन के रोमांचक विषय का परिचय दिया। इन सभी आमंत्रित वक्ताओं ने छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ-साथ अनुसंधान के लिए दिशा की भावना दी। सोनू कटियार, शारदा पांडेय और अन्य छात्रों, एमएससी और रिसर्च स्कॉलर्स, ने रमन प्रभाव पर बात की और कोविड-19 के अध्ययन में भी इसके उपयोग का उल्लेख किया। कुलपति ने कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजीं। कार्यक्रम में सौ से अधिक प्रतिभागी मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/संजय

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