Saints in Kashi sought Hindu property from Muslim society for harmony and unity
Saints in Kashi sought Hindu property from Muslim society for harmony and unity

काशी में सन्तों ने सौहार्द्र और एकता के लिए मुस्लिम समाज से मांगी हिन्दू सम्पति

-बोले, पहले से ही निर्णय है कि अयोध्या के बाद काशी, मथुरा भी लेंगे -बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी, विश्वनाथ कॉरिडोर भी देखा वाराणसी, 03 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने आये संतों ने रविवार को पूरे श्रद्धा के साथ काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। दरबार में विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दर्शन पूजन के बाद संतों ने समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेन्द्रानंद के अगुवाई में विश्वनाथ कॉरिडोर में चल रहे कार्यों को भी देखा। कॉरिडोर में चल रहे कार्यों को देख संतों ने हर्ष जताया और केन्द्र और प्रदेश सरकार के कार्यों को सराहा। बैठक स्थल पर जाने के पूर्व संतों ने ज्ञानवापी क्रासिंग पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान संतों ने अल्पसंख्यक समाज से अपील की कि सौहार्द और एकता के लिए अयोध्या के बाद अब काशी में ज्ञानवापी मस्जिद (हिन्दुओं की सम्पति) को हमें सौंप देना चाहिए। संत समिति का पहले से ही निर्णय है कि अयोध्या के बाद हम काशी, मथुरा भी लेंगे। सन्तों ने एकस्वर से कहा कि अगर मुस्लिम समाज नहीं मानेगा तो आन्दोलन भी होगा। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास महाराज ने कहा कि श्री राम मंदिर को लेकर मंदिर होने का प्रमाण मांगा जाता रहा। लेकिन, काशी विश्वनाथ में तो जीता जागता प्रमाण हमारे सामने है। मुस्लिम समाज को ज्ञानवापी हिंदू समाज को सौंप देना चाहिए। नहीं तो हम आन्दोलन के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ मंदिर के आसपास कोई मुस्लिम आबादी भी नहीं है, सर्वेक्षण तो पहले ही हो चुका है। हिन्दू धर्म के इस स्थान को जानबूझकर तोड़ा गया है। एक कुठाराघात किया गया है। यह एक गुलामी का प्रतीक भी है। न्यायालय की शरण में जाने या फिर आंदोलन के सवाल पर संत अविचल दास ने कहा कि हर तरह का प्रयास होगा । कोरोना वैक्सीन को लेकर छिड़े राजनीतिक धमासान पर ज्योतिष पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द, महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरि ने कहा कि पहले इसका परीक्षण होना चाहिए। जब किसी प्रकार की कोई हानि न हो तब आमजन को लगाना चाहिए। वैक्सीन का पूरा अध्ययन कर ही लोगों को लगाना चाहिए। काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के बाद संतों ने गंगा पूजन भी किया। इसके बाद दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में आयोजित बैठक में भाग लेने चले गये। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय-hindusthansamachar.in

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