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युवाओं को आतंकवाद के पथ से हटाना, डटकर करें सामना : एडीजी

— पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को दिलाई गई आतंकवाद विरोधी दिवस की शपथ कानपुर, 21 मई (हि.स.)। युवाओं को आतंकवाद और हिंसा की ओर ढकेलने का कुछ लोगों द्वारा कुत्सित प्रयास किया जाता है, लेकिन भारतीय लोकतंत्र में इसकी कतई जगह नहीं है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि युवाओं को आतंकवाद के पथ से हटाना है और आतंकवाद से डटकर सामना भी करना है। यह बातें शुक्रवार को आतंकवाद विरोधी दिवस पर पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को शपथ दिलाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक जोन भानु भास्कर ने कही। आतंकवाद विरोधी दिवस के अवसर पर जोनल कार्यालय में एडीजी जोन भानु भास्कर ने कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को आतंकवाद विरोधी दिवस की शपथ दिलाई। पुलिसकर्मियों ने मानव सेवा के लिए 24 घंटे मुस्तैद रहने और आतंकवाद या समाज को नुकसान पहुंचाने वाली सभी शक्तियों का डटकर सामना करने की शपथ ली। इसी के साथ किसी भी तरह की हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ भी लड़ाई के लिए तैयार रहने की शपथ ली। एडीजी जोन ने बताया कि आतंकवाद विरोधी दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिसा के पथ से दूर रखना, शांति और मानवता का संदेश फैलाना, लोगों को जागरुक करना, एकता को बढ़ावा देना, युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाना है। इसके साथ ही पुलिस आयुक्त कार्यालय में आयुक्त असीम अरुण ने पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाई। आयुक्त ने शपथ पढ़कर सुनाया। हम भारतवासी अपने देश की अहिसा एवं सहनशीलता की परंपरा में दृढ़ विश्वास रखते है। निष्ठापूर्वक शपथ लेते हैं कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद और हिसा का डटकर विरोध करेंगे। हम मानव जाति की सभी वर्गों के बीच शांति, सामाजिक सदभाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली और विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की भी शपथ लेते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या पर मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस बताते चलें कि, भारत में हर साल 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के रास्ते से दूर करना है, आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना और यह दिखाना कि यह कैसे राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक है। वर्ष 1991 में आज ही के दिन श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज तमिल विद्रोहियों ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में कर दी थी। इसके बाद से 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया। इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों आदि में आतंकवाद विरोधी शपथ ली जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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