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नींद के प्रभाव के वक्त नमाज पढ़ना मकरूह है : मुफ्ती अहमद इकबाल कासमी

- प्राविडेन्ट फंड पर जकात उस वक्त वाजिब होती है जब वसूल हो जाये कानपुर, 09 मई (हि.स.)। रमजान मुबारक का यह पाक महीना हम लोगों के बीच से जा रहा है। इस महीने को गुजारने में जो भी हमसे कोताही हुई हो। रब हमारी कोताहियो को माफ करें। इस पाक महीने में हमारे रोजे व इबादत को रब अपनी बारगाह में कुबूल करे। रोजे व नमाज पढ़ने में जो हमारे मन मे सवाल उठते है। उनके हमे माकूल जवाब रविवार को कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी की अल-शरिया हेल्पलाइन के द्वारा मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी से रोजाना की तरह बखूबी मिले है। कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी कानपुर की अल-शरिया हेल्पलाइन से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर प्रश्न:- तरावीह के वक्त नींद का प्रभाव हो, मुंह पर पानी छिड़कने से भी नींद सताती है, क्या करें ? उत्तर:- नींद के प्रभाव के वक्त नमाज पढ़ना मकरूह है और मना है, नींद पूरी होने के बाद बाकी़ तरावीह को पढ़े। प्रश्न:- तहज्जुद की नमाज़ बाजमाअत रमजान शरीफ में पढ़ना कैसा है? उत्तर:- माहे रमजान में जमाअत के साथ जमाअते वित्र और तरावीह जायज है बाकी नवाफिल और तहज्जुद सिवाये तरावीह के रमजान में भी जमाअत के साथ मकरूह है। प्रश्न :- जिस्म पर कपड़ा भीगा करके जिस्म को ठण्डक पहुंचाना या बार-बार कुल्ली करना रोज़े की हालत में कैसा है ? उत्तर:- ऐसा करने से रोजे की हालत में कोई हर्ज नहीं है, और रोजा मकरूह भी नहीं होता। प्रश्न :- प्राविडेन्ट फंड पर जकात है? उत्तर:-प्राविडेन्ट फंड पर जकात उस वक्त वाजिब होती है जब वसूल हो जाये, जब तक वह हुकूमत के खाते में जमा है, उस पर जकात वाजिब है। हिन्दुस्थान समाचार / महमूद

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