Reading medicine on the Internet can spoil your health, take the advice of a doctor
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इंटरनेट पर पढ़कर दवा लेना बिगाड़ सकता है सेहत, चिकित्सक की ससलाह जरुर लें

कासगंज, 30 दिसंबर (हि.स.)। जनपद कासगंज में इस कड़ाके की सर्दी के बीच मौसम बदलते की सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। इस समय कोरोना को देखते हुए लोगों को आम सर्दी-जुकाम व बुखार की स्थिति में भी कोरोना का डर सताने लगता है। मरीजों की सेहत खराब कर दी है। ऐसे में चिकित्सकों द्वारा सभी को समझाने की कोशिश की जा रही है। उनका स्पष्ट कहना है लक्षणों को ऐसे में बारीकी से समझने की कोशिश करें और चिकित्सक की सलाह पर कोई दवा लें, इंटरनेट पर देखकर या मेडिकल स्टोर से सीधे दवा खरीदकर सेवन करना सेहत को बिगाड़ सकता है। हैरत की बात यह है कि कुछ लोग इन लक्षणों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कुछ खुद से ही अपने और परिवार के डॉक्टर बन गए हैं। यह लोग मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खा रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सक इस प्रवृत्ति को बेहद खतरनाक मानते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अशोकनगर के अधीक्षक डॉ आकाश ने कहा कि इंटरनेट पर दवाओं के नाम पढ़ कर खुद का इलाज करना बहुत अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। चिकित्सक रोगी के लक्षणों को समझने के बाद ट्रीटमेंट शुरू करता है। मगर कुछ लोग एक ही दवा को सब के लिए कारगर मानते हैं। यह लोग मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खाते रहते हैं, पेन किलर खाने की आदत तो बहुत ही खराब है। इससे किडनी पर असर पड़ता है। कोरोना संक्रमण काल में यह प्रवृत्ति बिल्कुल ठीक नहीं है। बीमार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा चिकित्सक से संपर्क कर जांच व इलाज कराएं और अपने या अपनों के जीवन से खिलवाड़ न करें बच्चों पर तो बिल्कुल यह प्रयोग न करें। जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉक्टर राजकुमार सारस्वत ने बताया कि इस मौसम में वायरल, फ्लू, डेंगू, टाइफाइड आदि का प्रकोप भी बढ़ जाता है। गले में जकड़न और बदन टूटने के साथ वायरल बुखार शरीर पर हमला करता है। इसकी वजह से कई तरह के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसका असर एक सप्ताह से अधिक समय तक रह सकता है। बच्चों में डायरिया व टाइफाइड के ठीक होने में काफी समय लगता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए कोई भी बुखार ज्यादा परेशानी वाला साबित होता है। कोरोना हो या अन्य बुखार, लक्षण सभी के मिलते जुलते होते हैं। इसलिए खुद से इलाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और कोविड-19 की निशुल्क सेवा का लाभ उठाना चाहिए जिससे और उसके साथ-साथ सही समय पर कोविड-19 की जांच भी करानी चाहिए। घबराने की कोई जरूरत नहीं है, इसकी अनदेखी करना कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करना है। हिन्दुस्थान समाचार/ पुष्पेंद्र-hindusthansamachar.in

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