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रायबरेली : पहले जताया शोक, अब मौत होने से ही किया इंकार

रायबरेली, 17 मई(हि.स.)। पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत मामले में एक नया मोड़ आया है। अब बीएसए अपने ही बयान से मुकरते हुए रायबरेली में एक भी शिक्षक की मौत कोरोना से न होने की रिपोर्ट दी है। हालांकि इसके पहले बीएसए ने ही 26 शिक्षकों की मौत पर शोक संदेश जारी करते हुए लिखा था कि कोरोना महामारी में सभी का निधन हुआ है। दरअसल, शनिवार को विधायक अदिति सिंह ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर रायबरेली में पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत का मामला उठाते हुए उनके आश्रितों को मदद की अपील की थी। पत्र में विधायक ने लिखा था कि 52 शिक्षक(शिक्षक,शिक्षा मित्र,अनुदेशक) का निधन कोरोना महामारी के कारण हो गया है और कई अभी भी इससे जूझ रहे हैं। उनके परिजनों की क्षति पूर्ति तो नहीं हो सकती है लेकिन सरकार को शोक संतृप्त परिजनों को सांत्वना सहयोग राशि देनी चाहिये, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके। विधायक के इस पत्र पर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ट्वीट किया कि इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी की आख्या प्राप्त हुई है जिसमें अवगत कराया गया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना के दौरान किसी भी शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षा मित्र सहित किसी भी कर्मचारी की मौत कोरोना संक्रमण से नहीं हुई है। हालांकि मामले ने नया मोड़ तब लिया जब बीएसए का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया। यह पत्र जो 28 अप्रैल को पत्रांक संख्या बेसिक/21-25/2021-22 का है,इसमें 26 शिक्षकों के नाम, तैनाती स्थल के साथ दर्शाया गया है। बीएसए आंनद प्रकाश वर्मा ने इस पत्र के माध्यम से शोक व्यक्त करते हुए लिखा था कि शिक्षक और कर्मचारियों की कोरोना महामारी के तहत इन तिथियों में निधन हो गया है और बेसिक शिक्षा विभाग शोक व्यक्त करता है। अब इस पत्र के बाद सरकारी महकमें में हड़कंप मच गया है और तरह-तरह की चर्चाएं जोर शोर से शुरू हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश

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