PM ने गीता प्रेस को करोड़ों लोगों के लिए दी मंदिर की संज्ञा, कहा- महात्मा गांधी भी भवनात्मक रूप से जुड़े थे

प्रधानमंत्री ने कहा, 1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक प्रकाश यहां प्रकाशित हुआ, आज उसकी रोशनी पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है।
PM मोदी ने गीता प्रेस को करोड़ों लोगों के लिए दी मंदिर की संज्ञा
PM मोदी ने गीता प्रेस को करोड़ों लोगों के लिए दी मंदिर की संज्ञा

गोरखपुर/नई दिल्ली, हिन्दुस्थान समाचार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गीता प्रेस को करोड़ों लोगों के लिए एक मंदिर की संज्ञा देते हुए कहा कि यह संस्था एक जीवित आस्था है जिससे महात्मा गांधी भी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे। प्रधानमंत्री शुक्रवार को यहां गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित प्रकाशक गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शामिल हुए। समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने गीता प्रेस की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया।

रोशनी पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही

प्रधानमंत्री ने कहा, 1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक प्रकाश यहां प्रकाशित हुआ, आज उसकी रोशनी पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है। 100 साल पहले औपनिवेशिक ताकतों ने भारत का शोषण किया। हमारे गुरुकुल नष्ट कर दिए गए। जब हमारा प्रिंटिंग प्रेस सक्षम नहीं था अपनी उच्च लागत के कारण प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने के लिए गीता प्रेस मार्गदर्शक शक्ति बन गई। हम सभी इस संगठन के शताब्दी समारोह के साक्षी बनने के लिए भाग्यशाली हैं।

गीता प्रेस द्वारा किए गए योगदान के प्रति राष्ट्र की है श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने कहा, “गीता प्रेस के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी का गीता प्रेस से विशेष जुड़ाव था और वे इसके लिए कल्याण पत्रिका के माध्यम से लिखते थे। गीता प्रेस को दिया गया गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस द्वारा किए गए योगदान के प्रति राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा, “गीता प्रेस दुनिया की एकमात्र प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है। गीता प्रेस सिर्फ एक प्रिंटिंग प्रेस नहीं बल्कि करोड़ों लोगों का मंदिर है।” उन्होंने कहा कि गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है। गीता प्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती है।

भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में नए रिकॉर्ड बना रहा

प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता प्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है। गीता प्रेस एक तरह से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि ये समय गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर अपनी विरासत पर गर्व करने का है। आज एक ओर भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में नए रिकॉर्ड बना रहा है। तो साथ ही, सदियों बाद काशी में विश्वनाथ धाम का दिव्य स्वरूप भी देश के सामने प्रकट हुआ है।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in